नक्सली कमांडर की कोरोना से मौत हुई तो परिजनों ने अंतिम संस्कार से मना किया, सुकमा पुलिस ने उठाई जिम्मेदारी

तेलंगाना में कोरोना से मरने वाले नक्सली (Naxalites) कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु से जुड़ा है। इस नक्सली का अंतिम संस्कार सुकमा जिले की पुलिस ने किया है।

Naxalites

सांकेतिक तस्वीर

तेलंगाना में शुक्रवार को एक नक्सली (Naxalites) कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु की कोरोना से मौत हो गई थी। उसका हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। ये नक्सली मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बीजापुर का निवासी था।

सुकमा: नक्सली, पुलिस को अपना सबसे बड़ा दुश्मन समझते हैं, लेकिन आज वही पुलिस उनके लिए ईश्वर का रूप बनकर सामने आई है। पुलिस, कोरोना पीड़ित नक्सलियों (Naxalites) का इलाज भी करवा रही है और इस महामारी से मरने वाले नक्सलियों का अंतिम संस्कार भी कर रही है। ऐसा करने के लिए पुलिस की बस एक ही शर्त है कि नक्सली सरेंडर करें।

ताजा मामला तेलंगाना में कोरोना से मरने वाले नक्सली (Naxalites) कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु से जुड़ा है। इस नक्सली का अंतिम संस्कार सीमावर्ती प्रदेश छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले की पुलिस ने किया है। नक्सली के परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था।

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दरअसल पूरा मामला ये है कि तेलंगाना में शुक्रवार को एक नक्सली कमांडर कोरसा गंगा उर्फ आयतु की कोरोना से मौत हो गई थी। उसका हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। ये नक्सली मूल रूप से छत्तीसगढ़ के बीजापुर का निवासी था। ये नक्सली छत्तीसगढ़ में 3 अप्रैल को हुए नक्सली हमले के मास्टरमाइंड हिडमा (Hidma) की टेक्निकल टीम का हिस्सा था। इस नक्सली हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवान शहीद हुए थे।

कोरोना से मौत के बाद इस नक्सली कमांडर की जानकारी तेलंगाना पुलिस ने बीजापुर पुलिस और सुकमा पुलिस को दी। इसके बाद नक्सली का शव बीजापुर निवासी उसके परिवार को सौंपा गया था। लेकिन परिजनों ने उसका शव लेने से मना कर दिया और खुद को असमर्थ बताया। इसके बाद सुकमा पुलिस ने उसका अंतिम संस्कार किया। इस बात की पुष्टि सुकमा के एसपी केएल ध्रुव ने की है।

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