देश में नक्सली हिंसा में कमी आई, 4 हजार से ज्यादा ने किया सरेंडर, जानें गृह मंत्रालय का आंकड़ा

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 2015 से 15 अगस्त 2020 तक 350 सुरक्षाकर्मियों और 963 आम नागरिकों के साथ 871 नक्सलियों (Naxalites) की मौत हुई है।

Naxalites

फाइल फोटो।

जी किशन रेड्डी ने बताया कि सरकार की तमाम कोशिशों की वजह से 2019 में केवल 61 जिलों से नक्सली हिंसा (Naxalite violence) की घटनाएं सामने आईं, वहीं 2020 के शुरुआती छह महीने में केवल 46 जिलों से नक्सली हिंसा की घटनाएं सामने आईं।

नक्सलवाद को लेकर सोमवार को देश के गृह मंत्रालय ने एक आंकड़ा दिया है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि देश के 90 जिलों में जो नक्सली (Naxalite violence) हिंसा फैली थी, वो अब 46 जिलों पर ही सिमट गई है।

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में इस बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 11 राज्यों के 90 जिले वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित हैं और इन जिलों को सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) योजना के तहत रखा गया।

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जी किशन रेड्डी ने बताया कि सरकार की तमाम कोशिशों की वजह से 2019 में केवल 61 जिलों से नक्सली हिंसा की घटनाएं सामने आईं, वहीं 2020 के शुरुआती छह महीने में केवल 46 जिलों से नक्सली हिंसा की घटनाएं सामने आईं।

उन्होंने बताया, ‘नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 2015 से 15 अगस्त 2020 तक 350 सुरक्षाकर्मियों और 963 आम नागरिकों के साथ 871 नक्सलियों की मौत हुई है।’

इस दौरान उन्होंने सरेंडर करने वाले नक्सलियों का आंकड़ा भी बताया। उन्होंने कहा, ‘इस अवधि में 4,022 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।’

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