सांकेतिक तस्वीर
नक्सली (Naxalites) हमले को झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अंजाम दिया गया था। इसमें चंदवा थाने में कार्यरत एसआई सुकरा उरांव, चालक जमुना प्रसाद, शंभू प्रसाद और सिकंदर सिंह शहीद हो गए थे।
रांची: लातेहार में एनआईए की टीम बीते साल पुलिसकर्मियों की हत्या की घटना से जुड़ी कई बातों को खंगालने में जुटी है। इस बीच एनआईए की टीम ने 3 कुख्यात नक्सलियों (Naxalites) को अपनी कस्टडी में लिया है।
ये तीनों कुख्यात नक्सली (Naxalites) टीपीसी के सुप्रीमो रविंद्र गंझू के गुर्गे के बताए जाते हैं। इन तीनों ने पुलिस पर फायरिंग की थी, इसमें पुलिस के 3 जवान शहीद हो गए थे।
एनआईए ने पिछले साल जुलाई में इस केस को टेकओवर करते हुए घटना में शामिल नक्सली तंत्र को खंगालना शुरू कर दिया था।
इस हमले को झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव के ठीक पहले अंजाम दिया गया था। इसमें चंदवा थाने में कार्यरत एसआई सुकरा उरांव, चालक जमुना प्रसाद, शंभू प्रसाद और सिकंदर सिंह शहीद हो गए थे।
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इस मामले की जांच करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 20 से 22 जून 2020 के बीच एनआईए को इजाजत दी थी, इसके बाद से इस घटना को लेकर एनआईए लगातार जांच कर रही थी।
हालांकि एनआईए ने इस घटना को अपने स्तर से खंगाला और नए सिरे से मामले को दर्ज किया। जानकार बताते हैं कि पुलिस ने 15 लाख के इनामी नक्सली रविंद्र गंझू की पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इससे गुस्साए कुख्यात इनामी नक्सली ने पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला करने की साजिश रची थी।
इसके बाद झारखंड पुलिस ने कुछ नक्सलियों को गिरफ्तार किया था। इन नक्सलियों में नरेश गंझू, राजेश गंझू, संजय गंझू, कुंवर गंझू, सगुना गंझू, सुनील गंझू सहित बैजनाथ शामिल था।
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