झारखंड: नक्सली रच रहे 360 करोड़ रुपए की उगाही की साजिश, जानें क्या है मामला

नक्सली संगठनों का आर्थिक तंत्र कमजोर पड़ गया है। पैसों की कमी ने नक्सली संगठनों को तोड़कर रख दिया है और अब नक्सली टेरर फंडिंग में जुट गए हैं।

Naxalites

फाइल फोटो।

पैसों की कमी को दूर करने के लिए नक्सली (Naxalites) संगठन सड़क, पुल समेत अन्य विकास योजनाओं के काम में लगी कंस्ट्रक्शन कंपनियों और ठेकेदारों को निशाना बना रहे हैं।

चाईबासा: झारखंड में नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों की वजह से नक्सली संगठनों की कमर टूट चुकी है। ऐसे में नक्सली संगठनों का आर्थिक तंत्र कमजोर पड़ गया है। पैसों की कमी ने नक्सली संगठनों को तोड़कर रख दिया है और अब नक्सली अपने संगठन को मजबूत करने के लिए टेरर फंडिंग में जुट गए हैं।

पैसों की कमी को दूर करने के लिए नक्सली संगठन सड़क, पुल समेत अन्य विकास योजनाओं के काम में लगी कंस्ट्रक्शन कंपनियों और ठेकेदारों को निशाना बना रहे हैं।

वह हिंसा, आगजनी जैसी घटनाओं से लोगों में डर पैदा कर रहे हैं, जिससे लेवी वसूलने में आसानी हो। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नक्सलियों ने मार्च तक 360 करोड़ रुपए की उगाही करने का टारगेट बनाया है।

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जानकारी के मुताबिक, नक्सलियों (Naxalites) ने विकास योजनाओं से 200 करोड़ और अफीम की खेती से 20 करोड़ रुपए जुटाने का टार्गेट रखा है। वह नक्सल इलाकों में चल रही विकास योजनाओं से 10 फीसदी लेवी वसूल रहे हैं।

चतरा, लातेहार, हजारीबाग, गिरिडीह में कोयला कारोबारी, सिंडिकेट कंपनियों और अधिकारियों से 50 हजार से 2 लाख तक लेवी मांगी जा रही है। लेवी ना देने पर नक्सली हिंसा और आगजनी करते हैं।

जानकारी ये भी है कि नक्सली, नशे के कारोबार से 40 करोड़ वसूलने की फिराक में हैं। अफीम से 20 करोड़ और बीड़ी पत्ता से 20 करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी की जा रही है।

नक्सलियों ने 200 करोड़ विकास कार्यों से, ‌20 करोड़ बीड़ी पत्ता से, ‌20 करोड़ अफीम की खेती से, ‌50 करोड़ कोयला कारोबारियों से, ‌20 करोड़ कोयला रेलवे साइडिंग से और ‌50 करोड़ बड़े कारोबारियों से वसूलने का प्लान बनाया है। इस तरह नक्सली मार्च तक 350 करोड़ की उगाही की फिराक में हैं।

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