Jharkhand: जमारपानी कोयला ब्लाक के विकास को लेकर प्रदेश सरकार गंभीर, बिजली इकाइयों को समय से हो सकेगी कोयले की आपूर्ति

झारखंड (Jharkhand) के जमारपानी कोयला ब्लाक के विकास पर जोर दिया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि बिजली इकाइयों को कोयले की जरूरत होती है। समय से कोयला नहीं मिलने से बिजली के उत्पादन पर असर पड़ता है।

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अगर झारखंड (Jharkhand) में आवंटित कोल ब्लाक से समय पर उत्पादन नहीं शुरू हुआ तो ब्रिज लिंकेज के माध्यम से नई इकाइयों को कोयला प्राप्त हो सकेगा।

झारखंड (Jharkhand) के जमारपानी कोयला ब्लाक के विकास पर जोर दिया जा रहा है। इसकी वजह यह है कि बिजली इकाइयों को कोयले की जरूरत होती है। समय से कोयला नहीं मिलने से बिजली के उत्पादन पर असर पड़ता है। इसलिए प्रदेश सरकार कोयला ब्लाक के विकास पर खास ध्यान दे रही है।

दरअसल, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बढ़ते विद्युत मांग के हिसाब से उत्पादन बढ़ाने के लिए फिलहाल यहां 6,200 मेगावाट से ज्यादा की इकाइयां निर्माणाधीन है। इनमें उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम के अंतर्गत 3,960 मेगावाट की इकाइयां निर्माणाधीन हैं। ओबरा सी के तहत 1,320 मेगावाट, हरदुआगंज में 660 मेगावाट, जवाहरपुर में 1,320 मेगावाट एवं पनकी की 660 मेगावाट की इकाइयां शामिल हैं।

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इन सभी इकाइयों को झारखंड (Jharkhand) के सहरपुर जमारपानी कोयला खदान से कोयला मिलना है। इस कोल ब्लाक के विकास के लिए प्रदेश सरकार ने बजट में 48.8 करोड़ की व्यवस्था की है। जिसके बाद कोल ब्लाक के विकास में तेजी आ सकती है। यह कोल ब्लाक प्रदेश के विद्युत उत्पादन के लिए काफी अहम है। इस कोल ब्लाक से पांच हजार मेगावाट से ज्यादा बिजली उत्पादन के लिए कोयला मिल सकेगा।

निर्माणाधीन इकाइयों के 80 फीसदी क्षमता के संचालन के लिए 40 मिलियन टन कोयले की जरूरत होगी। वित्त वर्ष 2021-22 में निर्माणाधीन कई इकाइयों से उत्पादन शुरू होना है। इस लिहाज से इस कोल ब्लाक का विकास काफी जरूरी हो गया है। पिछले कई सालों से इस कोल ब्लाक के विकास को लेकर प्रक्रिया थोड़ी धीमी रही है।

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उत्पादन निगम ने कोल ब्लाक को विकसित करने के लिए सलाहकार भी नियुक्त कर रखा है। जबकि आयातित कोयले को परियोजना स्थल तक ले जाने के लिए रेलवे ने 16 अक्टूबर, 2015 को ही सहमति दे दी थी। बहरहाल, कई इकाइयों के जल्द उत्पादनरत होने के साथ कोल ब्लाक के अपेक्षित विकास नहीं होने की सूरत में वैकल्पिक प्रक्रिया भी चल रही है।

उत्तर प्रदेश उत्पादन निगम के निदेशक मंडल ने सहरपुर जमारपानी कोल ब्लाक के आवंटित ब्रिज लिंकेज के लिए कोल इंडिया के सहायक कंपनियों से एमओयू हस्ताक्षरित करने का अनुमोदन किया है। अगर झारखंड (Jharkhand) में आवंटित कोल ब्लाक से अपेक्षित समय पर उत्पादन नहीं शुरू हुआ तो ब्रिज लिंकेज के माध्यम से नई इकाइयों को कोयला प्राप्त हो सकेगा।

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ओबरा परियोजना के अधीक्षण अभियंता इ. राजीव कुमार के मुताबिक, “झारखंड के सहरपुर जमारपानी में आवंटित कोल ब्लाक निर्माणाधीन इकाइयों के लिए महत्वपूर्ण है। इस ब्लाक के कोयले से लगभग चार हजार मेगावाट बिजली उत्पादन होगा। इसके विकास के लिए निगम मुख्यालय स्तर से अधिकारी नियुक्त किये गए हैं।”

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