Chhattisgarh: सरकार की नरवा विकास योजना का काम जोरों पर, किसानों को सिंचाई में होगी आसानी

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार की महत्वकांक्षी ग्राम सुराजी योजना के तहत आने वाली नरवा विकास परियोजना का कार्य जशपुर जिले में जोरों से चल रहा है। राज्य सरकार द्वारा चहुंमुखी विकास के लिए नरवा विकास की कल्पना को साकार करने की महत्वपूर्ण योजना बनाई गई है।

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इससे छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दूरस्थ वनांचल एवं पहाड़ी इलाकों के लोगों को कृषि संबंधित कार्यो के लिए बरसात के पानी पर आश्रित रहने की आवश्यकता न पड़े।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार की महत्वकांक्षी ग्राम सुराजी योजना के तहत आने वाली नरवा विकास योजना का कार्य जोरों से चल रहा है। राज्य सरकार द्वारा चहुंमुखी विकास के लिए नरवा विकास की कल्पना को साकार करने की महत्वपूर्ण योजना बनाई गई है।

नरवा योजना के माध्यम से वर्षा जल का संचयन, भंडारण, सिंचाई एवं ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध करा उन्हें आजीविका के साधन मुहैया कराने को लेकर तेजी से काम हो रहा है। इस योजना का मकसद किसानों को सिंचाई के लिए अधिक से अधिक पानी उपलब्ध कराने के साथ ही जल संरक्षण एवं संवर्धन किया जाना है।

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इससे छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दूरस्थ वनांचल एवं पहाड़ी इलाकों के लोगों को कृषि संबंधित कार्यो के लिए बरसात के पानी पर आश्रित रहने की आवश्यकता न पड़े। इस योजना के तहत ऐसी संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है जो भूजल या भूस्तर पर पाए जाने वाले जल एवं बरसात के पानी को इकट्ठा कर सकें। इस जल का कई तरह के कार्यों में उपयोग किया सकता है।

नरवा विकास योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में नाला सुधार एवं भूमि सुधार का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए जिले के सभी विकासखंडो में 81 नालों का चिन्हिंत किया गया है। कार्य योजना तैयार करने के लिए नालों का सर्वे भी किया गया है। इन नालों पर मनरेगा एवं अन्य योजनाओं के माध्यम से छोटे बड़े कुल 6,676 निर्माण कार्य किए जाने हैं। इसके लिए कुल 11 करोड़ 77 लाख 17 हजार की राशि स्वीकृत की गई है।

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नरवा विकास योजना में नाले की साफ-सफाई एवं भूमि सुधार कर नाले के क्षेत्रफल को भी बढ़ाया जा रहा है। नाला सुधार होने से भू-जल स्तर के गिरावट में कमी आएगी। गर्मी के मौसम में कुंआ, हैंडपंप, बोरवेल में भी पानी के स्तर में कमी नहीं आएगी। इससे पेयजल की समस्या भी दूर होगी। किसानों को लिए सिंचाई के लिए सालों भर जल की उपलब्धता बनी रहेगी।

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इस योजना के संचालन से बरसात के कुछ महीने बाद सूख जाने वाले नालों में भी अब जल का भराव रहता है। जल की उपलब्ध्ता होने से सिंचाई की समस्या का समाधान हुआ है। किसान और ज्यादा जमान पर खेती कर रहे हैं, जिससे उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो रही है। साथ ही किसान साग-सब्जियों की खेती कर अतिरिक्त आमदनी कर रहे हैं।

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