भारत और अमेरिका के बीच और मजबूत होंगे सैन्य रिश्ते, उन्नत तकनीक साझा करने को तैयार हुये जो बाइडेन

बाइडन (Joe Biden) और मोदी (Narendra Modi) ने स्थायी क्षमता निर्माण के महत्व को दोहराया और कहा कि साइबर खतरों का जवाब देने के लिए पारस्परिक तकनीकी सहायता प्रयासों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

Narendra Modi and Joe Biden Meeting

Narendra Modi and Joe Biden Meeting

अमेरिका के व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति बाइडन (Joe Biden) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बीच पहली आमने-सामने की द्विपक्षीय बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने उन्नत औद्योगिक सहयोग को गहरा करने का भी स्वागत किया और रक्षा प्रौद्योगिकी और व्यापार पहल के तहत एयर लांच किए गए मानव रहित हवाई यानों (UAV) के सह विकास के लिए हालिया परियोजना का उल्लेख किया।

छत्तीसगढ़: बीजापुर में एंटी नक्सल ऑपरेशन जारी, सुरक्षाबलों ने ध्वस्त किया नक्सली स्मारक

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन (Joe Biden) ने जानकारी साझा करने और उन्नत सैन्य प्रौद्योगिकियों में सहयोग को मजबूत करने सहित करीबी जुड़ाव के माध्यम से भारत के लिए एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता’ दोहराई। साथ ही दोनों ने इस तरह के और अधिक संयुक्त प्रयासों को प्रोत्साहित किया। द्विपक्षीय बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया है‚ ‘राष्ट्रपति बाइडन ने अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंधों की मजबूती की पुष्टि।

अमेरिका ने 2016 में भारत को एक प्रमुख रक्षा भागीदार का दर्जा दिया था। इसके अनुरूप‚ 2018 में‚ भारत को ‘स्ट्रेटेजिक ट्रेड आथराइजेशन टीयर–1′ का दर्जा दिया गया। इसके तहत जो भारत को वाणिज्य विभाग द्वारा विनियमित सैन्य और दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए लाइसेंस–मुक्त पहुंच प्राप्त करने की अनुमति देता है।

नेताओं ने सरकार और निजी हितधारकों से सह विकास‚ सह–उत्पादन और आपसी रक्षा व्यापार के विस्तार के लिए रक्षा उद्योगों में नवाचार और उद्यमिता के मौजूदा पारिस्थितिकी तंत्र का उपयोग करने का आह्वान किया। बयान में कहा गया है‚ ‘वे उच्च स्तरीय रक्षा औद्योगिक सहयोग की सुविधा के लिए औद्योगिक सुरक्षा समझौता शिखर सम्मेलन की उद्घाटन बैठक को लेकर भी उत्सुक थे।’

दोनों नेताओं ने फैसला किया कि अमेरिका और भारत को नए क्षेत्र और महत्वपूर्ण व उभरती प्रौद्योगिकी के कई क्षेत्रों – अंतरिक्ष‚ साइबर‚ स्वास्थ्य सुरक्षा‚ सेमीकंडक्टर‚ एआई‚ 5 जी‚ 6 जी और भविष्य की पीढ़ी की दूरसंचार प्रौद्योगिकी और ब्लॉकचैन में अपनी साझेदारी जारी रखनी चाहिए जो नवाचार प्रक्रियाओं और अगली सदी के आर्थिक और सुरक्षा परिदृश्य को परिभाषित करेगा।

दोनों नेताओं ने साइबर स्पेस में कमजोरियों और खतरों को दूर करने की मूलभूत आवश्यकता को पहचाना‚ जिसमें महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के लचीलेपन को बढ़ावा देना शामिल है। साथ ही रैंसमवेयर और अन्य साइबर–सक्षम अपराध का मुकाबला करने के लिए सरकारों के बीच बढ़ती साझेदारी का स्वागत किया‚ जिसमें साइबर अपराधियों से निपटने के प्रयास शामिल हैं।

बाइडन (Joe Biden) और मोदी (Narendra Modi) ने स्थायी क्षमता निर्माण के महत्व को दोहराया और कहा कि साइबर खतरों का जवाब देने के लिए पारस्परिक तकनीकी सहायता प्रयासों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App

यह भी पढ़ें