सीमा सुरक्षा बल के जवान सीमाओं की कर्मठता से कर रहे हैं रक्षा : मोदी

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The Prime Minister, Shri Narendra Modi addressing the soldiers, at the celebration of Diwali, in Pathankot, Punjab on October 27, 2019.

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर घाटी में अशांति फैलाने का प्रयास कर रही भारत विरोधी ताकतें इसलिए सफल नहीं हो पाईं क्योंकि बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) जैसे बलों ने मजबूत सुरक्षा कवच तैयार कर दिया है।

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सीमा सुरक्षा बल के 55वें स्थापना दिवस के अवसर पर सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अर्धसैनिक विंग हमारे देश की सीमाओं की कर्मठतापूर्वक रक्षा कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, सभी बीएसएफ जवानों और उनके परिवार को बीएसएफ के स्थापना दिवस की शुभकामनाएं।यह बल हमारे देश की सीमाओं की कर्मठतापूर्वक रक्षा कर रहे हैं। प्राकृतिक आपदा या किसी भी संकटपूर्ण स्थिति में बीएसएफ जवानों ने हमारे नागरिकों की सेवा के लिए कड़ी मेहनत की है। बीएसएफ 1 दिसंबर, 1965 को अस्तित्व में आया। यह बल 4,096.7 किलोमीटर भारत-बांग्लादेश सीमा और 3,323 किलोमीटर भारत-पाकिस्तान सीमा की रक्षा कर रहा है।

 

सीमा सुरक्षा बल (BSF) के स्थापना दिवस पर जवानों और अधिकारियों को संबोधित करते हुए भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि बल सीमावर्ती इलाकों में लगातार घुसपैठ और तस्करी के प्रयासों को विफल करता रहा है क्योंकि देश के दुश्मन इन क्षेत्रों में माहौल को ‘‘अस्थिर’ करने का प्रयास कर रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि हाल के फैसलों (अनुच्छेद 370 को समाप्त करना) से जम्मू-कश्मीर में सकारात्मक प्रगति हुई है, लेकिन देश विरोधी ताकतें कश्मीर घाटी में अशांति पैदा करना चाहती हैं। उन्होंने कहा, लेकिन बीएसएफ इस तरह के प्रयासों के खिलाफ अभेद्य दीवार की तरह खड़ी है और इस तरह के प्रयासों को लगातार विफल कर रही है।

उन्होंने कहा कि बीएसएफ (BSF) की प्रभावी निगरानी के कारण गलत इरादों वाले तत्व कोई प्रयास करने से पहले हजार बार सोचते हैं। उन्होंने कहा कि बल के अच्छे एवं प्रभावी कार्य को ध्यान में रखते हुए उसे हाल में पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा के पास करतारपुर कोरीडोर की सुरक्षा सौंपी गई। मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को बीएसएफ के कठिन कार्य स्थितियों के बारे में पता है और वह सुनिश्चित कर रही है कि उन्हें बेहतर हथियार, उपकरण और सेवा शस्त्र मुहैया कराई जाएं।

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