महाराष्ट्र की कंपनी ने घोड़ों की एंटीबॉडी से बनाई कोरोना की दवा, चल रहा ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण

महाराष्ट्र की एक कंपनी घोड़ों की एंटीबॉडी से बनी कोरोना वायरस (Coronavirus) की दवा का परीक्षण कर रही है। फिलहाल दवा के ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण चल रहा है।

iSera Biological

iSera Biological (File Photo)

आईसेरा बॉयोलॉजिकल (iSera Biological) महज चार साल पुरानी कंपनी है। यह एंटीसीरम प्रोडक्ट यानी सांप काटने, कुत्ते के काटने और डिप्थीरिया के इलाज में कारगर दवाएं बनाती है।

महाराष्ट्र की एक कंपनी घोड़ों की एंटीबॉडी से बनी कोरोना वायरस (Coronavirus) की दवा का परीक्षण कर रही है। फिलहाल दवा के ह्यूमन ट्रायल का पहला चरण चल रहा है, जिसके इस महीने के अंत तक पूरा होने की संभावना है। अगर यह दवा सभी परीक्षणों में सफल होती है, तो यह कोरोना के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले मरीजों के इलाज में काम आएगी।

महाराष्ट्र के कोल्हापुर की बायोसाइंसेज कंपनी आईसेरा बॉयोलॉजिकल (iSera Biological) घोड़ों की एंटीबॉडी से बनाई गई कोरोना वायरस की एक नई दवा का परीक्षण कर रही है। यह दवा इस तरह की भारत की पहली स्वदेशी दवा होगी, जिसका इस्तेमाल संक्रमण के इलाज के लिए किया जाएगा।

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द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि शुरुआती परीक्षणों में दवा की वजह से 72 से 90 घंटों के अंदर ही संक्रमितों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट निगेटिव हो रही है।

बता दें कि आईसेरा बॉयोलॉजिकल (iSera Biological) महज चार साल पुरानी कंपनी है। यह एंटीसीरम प्रोडक्ट यानी सांप काटने, कुत्ते के काटने और डिप्थीरिया के इलाज में कारगर दवाएं बनाती है। हालांकि, कंपनी को इस काम में सीरम इंडिया ऑफ इंडिया की ओर भी मदद मिलती रही है।

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इस बीच कंपनी ने कोविड एंटीबॉडीज का एक कारगर कॉकटेल तैयार किया है। कंपनी का दावा है कि इसके इस्तेमाल से कोविड के हल्के और मध्यम लक्षण वाले मरीजों में संक्रमण के फैलाव को रोका जा सकता है और शरीर में मौजूद वायरस को खत्म भी किया जा सकता है।

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