राज्यों के बीच तालमेल के अभाव में लॉकडाउन का मखौल उड़ा, केंद्र सरकार की चिंताए बढ़ीं

सरकार को विभिन्न एजेंसियों से यह जानकारी भी मिली कि जिलों में प्रशासन खाने–पीने के सामान की बिक्री में लॉकडाउन (Lockdown) और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में नाकाम रहे हैं।

Lockdown

कोरोना (Coronavirus) में सरकार के लिए यह गहरी चिंता का विषय बना है कि राज्यों में उस ढंग से लॉकडाउन (Lockdown) का पालन नहीं हो रहा है‚ जैसा स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्लान किया था। सरकार ने पाया है कि राज्य सरकारों ने दूसरे राज्यों के निवासियों के लिए समय से रहने व खाने का प्रबंध ही नहीं किया। यह भी सामने आया है कि इस बारे में राज्यों के बीच तालमेल का गहरा अभाव रहा। सरकार को विभिन्न एजेंसियों से यह जानकारी भी मिली कि जिलों में प्रशासन खाने–पीने के सामान की बिक्री में लॉकडाउन (Lockdown) और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में नाकाम रहे हैं।

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दिल्ली- महाराष्ट्र समेत उत्तर भारत के कई राज्यों से इस बारे में आई तस्वीरों और रिपोर्ट ने सरकार को परेशान किया है। जहां तक कोरोना (Coronavirus) के संक्रमण के बारे में जागरूकता अभियान की बात है तो कई जिलों‚ कस्बों और गांवों में अब भी इसे हल्के में ले रहे हैं।

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सरकार ने स्पष्ट किया था कि लॉकडाउन (Lockdown) में लोगों की आवाजाही नहीं होगी और जो जहां रह रहा है‚ उसे वहीं रोककर रखना है। राज्य इस बात को समझ नहीं सके और उन्होंने दूसरे राज्यों में फंसे अपने यहां के व्यक्तियों को निकालना शुरू कर दिया।

मुख्यमंत्रियों ने इस विषय में सरकार से बात किए बिना दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अपने निवासियों के लिए बात कर ली। एक दिन पहले ही गृह मंत्रालय ने साफ मना किया था कि न विमान से और न ही बस से किसी को कहीं भी जाने की इजाजत दी जाएगी। फिर राज्यों ने बस लगाकर अपने निवासियों का विभिन्न स्थानों से निकाला।

कोरोना (Coronavirus) पर मंत्री समूह की बैठक में भी इस पर जोर दिया गया कि राज्य सरकारों को यह बात फिर से समझाई जाए कि कुछ व्यक्तियों की लापरवाही सबके लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

चूंकि अभी लॉकडाउन (Lockdown) 16 दिन और जारी रहना है। इसलिए सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय के कहने पर लॉकडाउन (Lockdown) को लेकर राज्यों से जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने को कहा है। राज्यों को स्पष्ट किया गया है कि अगर सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर गंभीर नहीं हुआ गया तो कोरोना (Coronavirus) को लेकर डेडिकेटेड अस्पताल समेत जितने भी प्रयास किए जा रहे हैं‚ वे व्यर्थ चले जाएंगे।

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