Chhattisgarh: राज्य में अब तक हुए 10 बड़े नक्सली हमले, देखें पूरी लिस्ट

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर और सुकमा जिले के बॉर्डर पर हुए मुठभेड़ (में 22 जवानों शहीद हो गए है। इस घटना ने छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश को दहला दिया है।

Naxal Attack

सांकेतिक तस्वीर।

यह पहली बार नहीं है, जब नक्‍सली हमले (Naxal Attack) में जवानों ने अपनी जान गंवाई है। यहां हम आपको छत्तीसगढ़ में अब तक हुए 10 बड़े नक्सली हमलों के बारे में बता रहे हैं।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर और सुकमा जिले के बॉर्डर पर हुए मुठभेड़ में 22 जवानों शहीद हो गए है। इस घटना ने छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश को दहला दिया है। यह पहली बार नहीं है, जब नक्‍सली हमले (Naxal Attack) में जवानों ने अपनी जान गंवाई है। यहां हम आपको छत्तीसगढ़ में अब तक हुए 10 बड़े नक्सली हमलों के बारे में बता रहे हैं-

सुकमा- 21 मार्च, 2020

सुकमा जिले के चिंतागुफा इलाके में डीआरजी और एसटीएफ जवान सर्चिंग पर थे। एलमागुंडा के आसपास नक्सलियों के मौजूद होने की सूचना मिली थी। कोरजागुड़ा पहाड़ी के पास छिपे नक्सलियों ने चारों ओर से जवानों पर गोलियों की बौछार कर दी। जिससे 17 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की, जिसके बाद नक्सली जंगल के अंदर भाग निकले थे।

श्यामगिरी- 9 अप्रैल, 2019

दंतेवाड़ा में 2019 के लोकसभा चुनाव में मतदान से ठीक पहले नक्सलियों ने चुनाव प्रचार के लिए जा रहे भाजपा विधायक भीमा मंडावी की कार पर हमला (Naxal Attack) किया था। इस हमले में माओवादियों के इस हमले में भीमा मंडावी के अलावा उनके चार सुरक्षा कर्मी भी मारे गए थे।

दुर्गपाल- 24 अप्रैल, 2017

सुकमा जिले के दुर्रपाल के पास नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 25 जवान उस समय मारे गए थे। जब वे सड़क निर्माण में सुरक्षा के बीच खाना खा रहे थे।

दरभा- 25 मई, 2013

बस्तर के दरभा घाटी में हुए इस माओवादी हमले में आदिवासी नेता महेंद्र कर्मा, कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 30 लोग मारे गए थे

धोड़ाई- 29 जून 2010

नारायणपुर जिले के धोड़ाई में सीआरपीएफ के जवानों पर माओवादियों ने हमला किया. इस हमले में पुलिस के 27 जवान मारे गए।

दंतेवाड़ा- 17 मई 2010

एक यात्री बस में सवार हो कर दंतेवाड़ा से सुकमा जा रहे सुरक्षाबल के जवानों पर माओवादियों ने बारूदी सुरंग लगा कर हमला किया था, जिसमें 12 विशेष पुलिस अधिकारी समेत 36 लोग मारे गए थे।

ताड़मेटला- 6 अप्रैल 2010

बस्तर के ताड़मेटला में सीआरपीएफ के जवान सर्चिंग के लिए निकले थे, जहां संदिग्ध माओवादियों ने बारुदी सुरंग लगा कर 76 जवानों को मार डाला था।

मदनवाड़ा- 12 जुलाई 2009

राजनांदगांव के मानपुर इलाके में माओवादियों के हमले की सूचना पा कर पहुंचे पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार चौबे समेत 29 पुलिसकर्मियों पर माओवादियों ने हमला बोला और उनकी हत्या कर दी थी।

उरपलमेटा- 9 जुलाई 2007

एर्राबोर के उरपलमेटा में सीआरपीएफ और जिला पुलिस का बल माओवादियों की तलाश कर के वापस बेस कैंप लौट रहा था। इस दल पर माओवादियों ने हमला बोला, जिसमें 23 पुलिसकर्मी मारे गए।

रानीबोदली- 15 मार्च 2007

बीजापुर के रानीबोदली में पुलिस के एक कैंप पर आधी रात को नक्सलियों ने हमला (Naxal Attack) किया और भारी गोलीबारी की। इसके बाद कैंप को बाहर से आग लगा दिया। इस हमले में पुलिस के 55 जवान मारे गए।

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