
फाइल फोटो।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले महीने करतारपुर कॉरिडोर (Kartarpur Corridor) के जरिए सिख संगत के पहले जत्थे को पाकिस्तान स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिए रवाना कर सकते हैं। करतारपुर आने वाली संगत पर पाकिस्तान सरकार की तरफ से लगाई गई 20 डॉलर प्रति व्यक्ति की फीस को लेकर भारत सरकार बातचीत कर रही है।

इन सबके बीच Kartarpur Corridor की सुरक्षा को लेकर सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने एक बड़ी चिंता जताई है। जिस तरह के खुफिया अलर्ट आ रहे हैं, वे चौंकाने वाले हैं। पाकिस्तान कॉरिडोर के जरिए भारत की सुरक्षा में सेंध लगाने का हर संभव प्रयास करेगा। इसके लिए BSF ने कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए एक बटालियन मांगी है। वाहनों की जांच, चेहरे पहचानने वाले यंत्र, जैमर, सीसीटीवी, रेडिएशन और ड्रग्स एवं विस्फोटक सामग्री का पता लगाने वाले उपकरण की भी आवश्यकता है। साथ ही पाकिस्तान ने यह कह कर सुरक्षा बलों की चिंता और ज्यादा बढ़ा दी है कि वह सिख संगत के साथ किसी भी सरकारी एजेंसी जैसे आईबी (IB) या दूसरे किसी विभाग के स्टाफ को करतारपुर स्थित गुरुद्वारे और पैसेंजर टर्मिनल तक जाने की इजाजत नहीं देगा।
BSF के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान स्थित करतारपुर गुरुद्वारे में आईएसआई (ISI) और दूसरी लोकल एजेंसियों के लोगों का जमावड़ा रहेगा। वहां जाने वाली सिख संगत को गुमराह करने का प्रयास होगा। इसके लिए पाकिस्तानी ISI नकली धर्म गुरुओं का सहारा ले सकती है। वे सिख धर्म के अनुयायियों का वेश धारण कर सिख संगत के लोगों को भारत के दूसरे समुदायों के खिलाफ भड़काएंगे। वे लोग उन्हें 1984 के दंगों की याद दिला सकते हैं। पूरी संभावना है कि इसके लिए वे झूठी प्रचार सामग्री और सोशल मीडिया का सहारा लेंगे।
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भारतीय खुफिया एजेंसियों का अनुमान है कि गुरुद्वारे में पहुंचने वाला कोई व्यक्ति अगर ISI के बहकावे में आ गया, तो वे उसे अपना स्लीपर सेल बनाने में देर नहीं लगाएंगे। ऐसे मामलों में स्लीपर सेल को एक चिप दे दी जाती है। वह उसकी मदद से ISI के साथ किसी भी समय संपर्क कर सकेगा। इतना ही नहीं, इस बात के भी पूरे आसार हैं कि वे अपना सिमकार्ड हमारे देश में पहुंचा दें। एक अधिकारी के मुताबिक, आजकल जिस तरह के माइक्रो सिम आ रहे हैं, उन्हें आसानी से बालों में छिपाकर लाया जा सकता है। एक बार पाकिस्तानी सिम हमारे देश में पहुंच जाएगा, तो उसका किस तरह दुरुपयोग होगा, इसका अंदाजा सुरक्षा एजेंसियों को है।
ड्रग्स की तस्करी और दूसरे छोटे उपकरणों को सीमा पार ले जाना और लाना, ये सब भी शुरु होने के आसार हैं। करतारपुर में ISI रुपयों की मदद से या दूसरी सुविधाएं देकर भी अपना काम निकाल सकती है। यही वजह है कि पाकिस्तान ने भारत सरकार की वह मांग अस्वीकार कर दी है कि Kartarpur Corridor के जरिए गुरुद्वारे तक पहुंचने वाली संगत के साथ कोई भारतीय अधिकारी भी जाएगा। यहां तक कि पाकिस्तान ने किसी भी ऐसे व्यक्ति को, जिसने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, उसे इमीग्रेशन सेंटर या पैसेंजर टर्मिनल तक जाने की इजाजत नहीं देने की बात कही है।
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