फाइल फोटो।
रोहिंग्या (Rohingya Muslims) म्यांमार के बंगाली भाषी मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं। यह समुदाय अपने देश में हिंसा के बाद भागकर भारत आ गया। इनकी एक बड़ी संख्या भागकर बांग्लादेश भी पहुंच गई है।
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में अवैध रूप से रह रहे 150 से अधिक रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims) को वापस उनके देश भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ये सभी इस महीने के शुरू में चलाए गए विशेष अभियान में हिरासत में लिए गए थे। एक सरकारी प्रवक्ता ने 31 मार्च को यह जानकारी दी।
बता दें कि रोहिंग्या म्यांमार के बंगाली भाषी मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं। यह समुदाय अपने देश में हिंसा के बाद भागकर भारत आ गया। हालांकि रोहिंग्याओं की बड़ी संख्या भागकर बांग्लादेश भी पहुंच गई है और आज भी इन्होंने वहां लाखों की संख्या में शरण ली है।
एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, जम्मू में हिरासत में लिए गए रोहिंग्या मुसलमानों (Rohingya Muslims) को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ये लोग कठुआ जिले के एक विशेष केंद्र में रखे गए हैं, जहां उन्हें सभी जरूरी सुविधाएं दी जा रही हैं। बताया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर में अभी भी बड़ी संख्या में रोहिंग्या मुसलमान अवैध तरीके से रह रहे हैं। इसकी ट्रेसिंग की जा रही है।
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गौरतलब है कि बीते 6 मार्च को जम्मू शहर में सत्यापन अभियान के दौरान करीब 168 रोहिंग्याओं को अवैध रूप से रहते हुए पाए जाने पर उन्हें इस केंद्र में भेज दिया गया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू और सांबा जिलों में रोहिंग्या मुसलमानों एवं बांग्लादेशियों समेत 13,700 से ज्यादा विदेशी बसे हुए हैं।
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