भारतीय जवान। (फाइल फोटो)
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों की सख्ती के कारण आतंकियों (Terrorists) की हालत पस्त है। उनकी साख कमजोर हो चुकी है और कुछ इलाकों में तो अब इक्का-दुक्का आतंकी ही सक्रिय रह गए हैं।
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ पुलिस ने इलाके में सिर्फ तीन आतंकियों (Terrorists) के सक्रियता की बात कही है। किश्तवाड़ में सक्रिय ओसामा बिन जावेद और उसके दो साथियों के मारे जाने के बाद किश्तवाड़ से भाग कर हारुन वाणी डोडा और नावेद शाह दक्षिण कश्मीर में सक्रिय हो गए हैं। पुलिस के सूत्रों के अनुसार, अब किश्तवाड़ में अमीन बट उर्फ जहांगीर सरूरी, मुदस्सर और रियाज अहमद ही सक्रिय हैं। सूत्रों के मुताबिक, किश्तवाड़ में आकर सक्रिय हुए आतंकियों (Terrorists) के मारे जाने के बाद जहांगीर सरूरी के ओवरग्राउंड वर्कर नए युवाओं को भर्ती कर अपने नेटवर्क में शामिल करने की फिराक में हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि कुछ युवा उनके बहकावे में भी आए हैं, लेकिन अभी सक्रिय नहीं हुए। हालांकि, पुलिस ने अधिकतर ओवरग्राउंड वर्करों को हिरासत में लेकर जहांगीर का नेटवर्क तहस-नहस कर दिया। लेकिन कुछ ओवरग्राउंड वर्कर हैं जो पूरी तरह अंडर ग्राउंड काम कर रहे हैं। वह युवाओं को बहला-फुसला का जहांगीर के नेटवर्क में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि नए आतंकियों (Terrorists) की भर्ती की सूचना मिलने के बाद पुलिस और सुरक्षाबल भी अलर्ट हो गए हैं। किश्तवाड़ में कुछ लोगों की गतिविधियों पर विशेष तौर पर नजर रखी जा रही है।
ऐसे में अगर पुलिस और सुरक्षाबलों को नए युवाओं की भर्ती के संबंध में पुख्ता सुबूत मिलते हैं तो आगामी दिनों में किश्तवाड़ में आतंकियों (Terrorists) के और समर्थकों की गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। गौरतलब है कि घाटी में सुरक्षाबलों द्वारा चलाए गए ऑपरेशन ऑल-आउट के तहत आतंकियों का लगातार सफाया हो रहा है। एनकाउंटर और गिरफ्तारी से आतंकियों की जमीन हिल गई है। वे मारे जा रहे हैं, गिरफ्तार हो रहे हैं या जान बचाने के लिए अंडरग्राउंड हो रहे हैं।
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