चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने रूस के साथ किया बड़ा डिफेंस डील, खरीदे जाएंगे सुखोई-30 और मिग-29 लड़ाकू विमान

चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार लगातार सेना की ताकतों को और मजूबत करने में जुटी है। लद्दाख (Ladakh) में सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने रूस से 33 नए फाइटर विमान की खरीद को मंजूरी दे दी है।

Defence Ministry

चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने रूस के साथ किया बड़ा डिफेंस डील।

चीन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार लगातार सेना की ताकतों को और मजूबत करने में जुटी है। लद्दाख (Ladakh) में सीमा विवाद के बीच रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने रूस से 33 नए फाइटर विमान की खरीद को मंजूरी दे दी है। भारत रूस से 12 नए सुखोई-30 और 21 नए मिग-29 लड़ाकू विमान खरीदेगा। इसके अलावा 59 मौजूदा मिग -29 को अपग्रेड भी किया जाएगा।

रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने बताया कि इसमें कुल 18,148 करोड़ रुपये की लागत आएगी। रक्षा मंत्रालय ने 248 अस्त्र एयर मिसाइल की खरीदी की भी इजाजत दी। यह भारतीय वायु सेना और नौसेना दोनों के काम आ सकेगी। इसके साथ ही डीआरडीओ द्वारा बनाई गई एक हजार किलोमीटर रेंज वाली क्रूज मिसाइल के डिजाइन को भी मंजूरी मिल गई है।

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बता दें कि 2 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति पुतिन के बीच फोन पर बातचीत हुई। पुतिन ने कहा भी था कि भारत और रूस के बीच सामरिक सबंध और मजबूत होंगे।भारत की रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defense Aquisition Council) ने तीनों सेनाओं की जरूरत के हिसाब से कुल 38900 करोड़ के प्रपोजल को मंजूरी दी है।

रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने 248 अस्त्र एयर मिसाइल की खरीदी की भी इजाजत दी। यह भारतीय वायु सेना और नौसेना दोनों के काम आ सकेगी। इसके साथ ही डीआरडीओ द्वारा बनाई गई एक हजार किलोमीटर रेंज वाली क्रूज मिसाइल के डिजाइन को भी मंजूरी मिल गई है। रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी की गई विज्ञप्ति में कहा गया है कि वर्तमान स्थितियों और सेनाओं की जरूरत को देखते हुए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई प्रपोजल को मंजूरी दी गई है।

विज्ञप्ति के मुताबिक, तकरीबन 38 हजार करोड़ के इस प्रोजेक्ट में भारत में रक्षा उपकरणों की मैन्यफैक्चरिंग को बड़े स्तर पर बढ़ावा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन के तहत भारत में रक्षा उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग पर काम किया जाएगा। भारतीय इंडस्ट्री के लिए 31130 करोड़ रुपए का प्रपोजल क्लियर किया गया है। रक्षा उपकरण भारती रक्षा कंपनियां और कई MSME साथ मिलकर विकसित करेंगे।

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