Coronavirus Updates: बेलगाम होती कोरोना महामारी की दवा तैयार करने के लिए इन भारतीय कंपनियों के बीच होड़

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की अनुषंगी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स ने कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के ग्रिफिथ विश्वविद्यालय के साथ करार किया है। इसके अलावा मायनिक्स और बायोलॉजिकल ई भी कोविड-19 (Coronavirus) का टीका तैयार करने के लिए काम कर रही हैं।

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Coronavirus Updates: दुनियाभर में फैली जानलेवा महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) से निपटने के लिए सभी देश प्रयासरत हैं। फिलहाल कम से कम सात भारतीय दवा कंपनियां कोविज-19 संक्रमण का टीका तैयार करने में जुटी हैं। वैश्विक स्तर पर इस जानलेवा महामारी के प्रसार को रोकने के लिए टीका बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दुनियाभर में अब तक 1.4 करोड़ लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। अब तक यह महामारी वैश्विक स्तर पर 6 लाख से अधिक लोगों की जान ले चुकी है।

Coronavirus: भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन COVAXIN का ह्यूमन ट्रायल AIIMS में शुरू, ट्रायल में शामिल होने के लिए ऐसे कराएं रजिस्ट्रेशन

घरेलू फार्मा कंपनियों की बात की जाए, तो भारत बायोटेक, सीरम इंस्टिट्यूट, जायडस कैडिला, पैनेसिया बायोटेक, इंडियन इम्यूनोलॉजिकस, मायनवैक्स और बायोलॉजिकल ई कोविड-19 (Coronavirus) का टीका तैयार करने का प्रयास कर रही हैं। हालांकि, कोई टीका या वैक्सीन बनाने के लिए कई साल परीक्षण और उसके बाद उत्पादन के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत होती है। लेकिन इस महामारी की वजह से वैज्ञानिक कुछ महीनों में इसका टीका बनाने की उम्मीद कर रहे हैं। भारत बायोटेक को वैक्सीन कैंडिडेट वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के क्लिनिकल परीक्षण की अनुमति मिली है। इसका विनिर्माण कंपनी के हैदराबाद कारखाने में किया जाएगा। कंपनी ने पिछले सप्ताह मानव क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया है।

एक अन्य कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया को उम्मीद है कि वह इस साल के अंत तक कोविड-19 (Coronavirus) का टीका तैयार कर लेगी। सीरम इंस्टिट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदर पूनावाला ने कहा, फिलहाल हम एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, जिसका तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण चल रहा है। हम अगस्त, 2020 में भारत में मानव परीक्षण शुरू करेंगे। अभी तक क्लिनिकल परीक्षण को लेकर जो सूचना उपलब्ध है उसके आधार पर हमें उम्मीद है कि एस्ट्राजेनेका ऑक्सफोर्ड वैक्सीन इस साल के अंत तक उपलब्ध होगी।

इस बीच फार्मा क्षेत्र की एक अन्य कंपनी जायडस कैडिला ने कहा कि वह कोविड-19 (Coronavirus) के वैक्सीन कैंडिडेट जाइकोव-डी का क्लिनिकल परीक्षण सात माह में पूरा करने की उम्मीद कर रही है। जायडस कैडिला के चेयरमैन पंकज आर पटेल ने बयान में कहा, अध्ययन के नतीजों के बाद यदि डाटा उत्साहवर्धक रहता है और परीक्षण के दौरान टीका प्रभावी साबित होता है तो परीक्षण पूरा करने और टीका उतारने में सात माह लगेंगे।

हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक ने पिछले सप्ताह रोहतक के परास्नातक चिकित्सा विज्ञान संस्थान में अपने टीके वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू कर दिया है। भारत की पहली स्वदेशी वैक्सीन COVAXIN का ह्यूमन ट्रायल दिल्ली के एम्स (AIIMS) में 20 जुलाई से शुरू हो गया है। एम्स दिल्ली देश के उन 14 इंस्टीट्यूट में से एक है, जिसे आईसीएमआर ने पहले और दूसरे चरण के ट्रायल की अनुमति दी है। पहले चरण में वैक्सीन का ट्रायल 375 लोगों पर होगा। इनमें से 100 लोग एम्स के होंगे। ट्रायल में स्वस्थ लोगों को ही शामिल किया जाएगा। ये ऐसे वॉलंटियर्स होंगे, जिन्हें अब तक कोविड-19 का संक्रमण नहीं हुआ। एम्स की एथिक्स कमेटी ने कोवैक्सिन (COVAXIN) के पहले ह्यूमन ट्रायल को मंजूरी दे दी है। अभी केवल दिल्ली-एनसीआर के लोगों के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी दी जाएगी।

भारतीय औषधि नियामक से कंपनी को सार्स कोवैक्सिन (COVAXIN) के पहले और दूसरे चरण क्लिनिकल परीक्षण की मंजूरी मिली है। कंपनी ने यह टीका भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एचआईवी) के साथ सहयोग से विकसित किया है।

पैनेशिया बायोटेक ने जून में कहा था कि वह कोविड-19 (Coronavirus) का टीका विकसित करने के लिए अमेरिका की रैना के साथ मिलकर आयरलैंड में संयुक्त उद्यम लगा रही है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की अनुषंगी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स ने कोरोना वायरस का टीका विकसित करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के ग्रिफिथ विश्वविद्यालय के साथ करार किया है। इसके अलावा मायनिक्स और बायोलॉजिकल ई भी कोविड-19 (Coronavirus) का टीका तैयार करने के लिए काम कर रही हैं।

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