कोरोना के योद्धाओं को भी सता रहा है संक्रमण का डर, बड़ी तादात में स्वास्थ्यकर्मी करा रहें टेस्ट

दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय को लगता है कि डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण का डर बढ़ने से कोरोना लड़ाई में मुश्किल आ सकती

Coronavirus

कोरोना (Coronavirus) का खौफ सरकारी डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों में इस कदर है कि बह बड़ी संख्या में इसका टेस्ट करा रहे हैं। सरकार ने राज्यों से कहा है कि सावधानी तक तो ठीक है लेकिन अगर डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों में असुरक्षा की भाबना बढ़ रही हो तो उनकी काउंसलिंग कराई जाए। दरअसल स्वास्थ्य मंत्रालय को लगता है कि डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों में संक्रमण का डर बढ़ने से कोरोना लड़ाई में मुश्किल आ सकती है और इससे मुकाबले का जो व्यापक एक्शन प्लान बनाया गया है, उस पर असर पड़ सकता है।

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हाल का एक वाकया है। सरकारी मेडिकल कॉलेज में खांसी की वजह से डॉक्टर की पत्नी ने चेस्ट का सीटी स्कैन कराया तो चिकित्सा शिक्षा ले रहे रेजिडेंट ने अपने को हॉस्टल में क्वारंटाइन कर लिया।

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क्वारंटाइन में गए रेजिडेंट को भरोसा दिलाने के लिए वरिष्ठ डॉक्टर और उसकी पत्नी ने कोरोना (Coronavirus) का टेस्ट कराया जो निगेटिव आया। दूसरा वाकया भी मेडिकल कॉलेज का ही है। जहां कोरोना की पॉजिटिब रिपोर्ट वाला एक रोगी भर्ती कराया गया तो तीन डाक्टरों ने अपने को क्वारंटाइन कर लिया। उन सभी ने अपने कोरोना के टेस्ट भी कराए। यह बात सरकार की जानकारी में भी है कि ऐसे डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मी भी कोरोना टेस्ट करा रहे हैं जो कोविड-19 के रोगियों को नहीं देख रहे हैं।

सरकारी मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ प्रोफेसर ने कहा कि डॉक्टर थकान और हल्का बुखार होने पर कोरोना (Coronavirus) का टेस्ट करा ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी बेहद डरे हुए हैं, क्योंकि देश और दुनिया के स्तर पर उनके जैसे कई लोग कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं।

वरिष्ठ प्रोफेसर के अनुसार डाक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों की ऐसी मानसिक स्थिति स्वाभाविक है क्योंकि संक्रमण का ऐसा खतरा पहले कभी नहीं रहा।

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