छत्तीसगढ़: Sukma में सुरक्षाबलों ने तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षा बल के जवानों ने तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया। इन नक्सलियों को तोंगपाल थाना क्षेत्र के उपलंका और जुनापानी के जंगलों से पकड़ा गया।

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छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सुरक्षा बल के जवानों ने तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया।

छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा (Sukma) जिले में सुरक्षा बल के जवानों ने तीन नक्सलियों को गिरफ्तार किया। इन नक्सलियों को तोंगपाल थाना क्षेत्र के उपलंका और जुनापानी के जंगलों से पकड़ा गया। इस कार्रवाई को जिला पुलिस बल और सीआरपीएफ (CRPF) की 227वीं बटालियन के जवानों ने पूरा किया।

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सुकमा में गिरफ्तार नक्सली

पुलिस को इन नक्सलियों की लंबे समय से तलाश थी। जैसे ही इनके Sukma के उपलंका और जुनापानी के जंगलों में होने का इनपुट जवानों के पास पहुंचा, अधिकारियों ने जवानों की अलग-अलग टीमें तैयार कर जंगल की तरफ भेजी। जवानों ने बड़ी ही चालाकी से घेराबंदी कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया। इन नक्सलियों में पोड़ियामी हड़मा और मड़कामी देवा के अलावा पंचायत कमेटी सदस्य कवासी आयतू शामिल हैं। इन्हें 17 अक्टूबर को Sukma के स्थानीय न्यायालय में पेश किया गया, जहां से सभी को जेल भेज दिया गया। तीनों चिकपाल के पदामीपारा के रहने वाले हैं। ये तीनों 25 फरवरी को मार्जुम के पटेलपारा पुल के पास आइईडी ब्लास्ट करने में शामिल थे। इस नक्सली हमले में सुरक्षाबल का एक जवान घायल हो गया था।

इससे पहले छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा (Dantewada) पुलिस ने एक नक्सल सहयोगी को गिरफ्तार किया। पहले तो यह पुलिस को मामूली ग्रामीण लगा। पकड़ में आने के बाद हुई पूछ-ताछ में उसने अपने बारे में बताया। 14 अक्टूबर को डीआरजी Dantewada और थाना कटे कल्याण की संयुक्त टीम ने चिकपाल क्षेत्र सर्च ऑपरेशनल चलाया। गश्त करते हुए जवान स्कूल पारा जाने वाली सड़क पर पहुंचे। यहां टीम को देखकर एक ग्रामीण जंगल की तरफ भागने लगा। इसे देखकर जवान भी दौड़े और ग्रामीण को पकड़ा। पुलिस को उसने अपना नाम सुखराम मरकामी बताया और कहा कि वह नक्सलियों का सहयोगी है। महज 21 साल का यह युवक नक्सलियों के सहयोगी के तौर पर काम करता रहा है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, यह पिछले 3 सालों से नक्सली संगठन से जुड़कर काम रहा था। इसकी जिम्मेदारी होती थी नक्सल नेताओं के लिए गांव में भोजन का व्यवस्था करना, उनकी बैठकें आयोजित करवाना और ग्रामीणों तक उनका संदेश पहुंचाना। यह पुलिस की रेकी भी किया करता था। साल 2017 में इसने अन्य नक्सलियों के साथ मिलकर पुलिस पार्टी पर हमला किया था। इसमें एक जवान घायल हुआ था। इसकी निशानदेही पर जंगल से पुलिस ने 3 नग इलेक्ट्रोनिक डेटोनेटर ,3 जिलेटिन रॉड, वायर और रोजमर्रा के उपयोग में लाए जाने वाले सामान बरामद किए।

पढ़ें: दंतेवाड़ा में नक्सली मुठभेड़, कई नक्सलियों के मारे जाने की आशंका

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