Chhattisgarh: नारायणपुर में 7 लाख के इनामी सहित 4 नक्सलियों ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में तीन महिला नक्सली (Women Naxalites) समेत चार नक्सलियों (Naxals) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया।

Naxalites Surrender

सांकेतिक तस्वीर।

रात में ही वे संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण (Surrender) करने के लिए पैदल निकल गए थे। 25 मार्च को महिमागवाड़ी पहुंचे और 2 अप्रैल को नारायणपुर पुलिस से संपर्क हुआ।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में तीन महिला नक्सली (Women Naxalites) समेत चार नक्सलियों (Naxals) ने सुरक्षाबलों के सामने आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया। इनमें तीन नक्सली 7 लाख के इनामी हैं। साथ ही इनमें एक नक्सली दंपति (Naxali Couple) भी शामिल है।

नारायणपुर जिले के पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग 2 अप्रैल को बताया कि जिले में माड़ डिविजन के नक्सलियों के स्कूल की शिक्षिका हेमबती सलाम उर्फ मनीषा (27 वर्ष), मनीषा का पति एवं कसनसुर एलओएस सदस्य मंगू मोड़ियामी उर्फ मंगेश उर्फ विश्वनाथ (24 वर्ष), इन्द्रावती एलओएस सदस्य मासे पोडियामी उर्फ सुमित्रा (18 वर्ष) और चेतना नाट्य मंडली की सदस्य मोटी उसेंडी उर्फ लक्ष्मी (19 वर्ष) ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया है।

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हेमबती सलाम पर पांच लाख रुपये का इनाम घोषित है। वहीं, मंगू और मासे एक-एक लाख रुपये के इनामी हैं। पुलिस के मुताबिक, हेमबती सलाम साल 2005 में नक्सली संगठन में शामिल हुई थी। वह झाराघाटी थाना क्षेत्र के ग्राम महिमागवाड़ी की रहने वाली है। शुरूआत में वह माड़ डिवीजन टेलरिंग टीम की सदस्य थी। बाद में वह नक्सलियों के स्कूल में शिक्षिका बन गई थी।

वहीं, बासागुड़ा थाना अंतर्गत ग्राम डल्ला निवासी नक्सली मंगू मोड़ियामी साल 2017 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था। उन्होंने बताया कि साल 2019 से वह कसनसुर एलओएस सदस्य था और उसने साल 2020 में मनीषा से शादी की थी। इसके अलावा कुकड़ाझोर थाना के पोकाना निवासी नक्सली मासे पोडियाम साल 2018 में नक्सली संगठन में शामिल हुई तथा और 2019 से इन्द्रावती एलओएस सदस्य थी।

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ओरछा थाना के ग्राम हिकुल निवासी नक्सली मोटी उसेंडी साल 2018 में नक्सली संगठन में शामिल हुई थी। वह नाच-गाना के माध्यम से नक्सली संगठन का प्रचार-प्रसार करती थी। इसके साथ ही वह गांव में नक्सलियों के लिए भोजन की व्यवस्था करने तथा ग्रामीणों को एकत्र करने का काम करती थी। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों (Naxals) के खिलाफ कई नक्सली घटनाओं में शामिल होने के आरोप हैं।

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इन सभी नक्सलियों ने संगठन की खोखली विचारधारा से त्रस्त होकर आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है। हेमबती, मंगू और मासे ने बताया कि पुलिस के अभियान और नये-नये कैंप खुलने से नक्सली संगठनों पर दबाव बढ़ने लगा है। 23 मार्च की रात में ही वे संगठन छोड़कर आत्मसमर्पण (Surrender) करने के लिए पैदल निकल गए थे। 25 मार्च को महिमागवाड़ी पहुंचे। 2 अप्रैल को नारायणपुर पुलिस से संपर्क हुआ और इसके बाद उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया।

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