पुलिस ने बनाई नक्सलियों की हाईटेक कुंडली, पहली बार मिली संगठन की वर्गीकृत जानकारी; अब एक्शन की बारी

नक्सलियों (Naxals) पर चौतरफा वार करने के लिए प्रशासन ने अब अलग तरह की रणनीति बनाई है। यह पहला मौका है जब पुलिस को नक्सली संगठन की वर्गीकृत जानकारी मिली है।

Naxals

फाइल फोटो।

नक्सलियों (Naxals) पर चौतरफा वार करने के लिए प्रशासन ने अब अलग तरह की रणनीति बनाई है। यह पहला मौका है जब पुलिस को नक्सली संगठन की वर्गीकृत जानकारी मिली है। दरअसल दंतेवाड़ा में पुलिस ने सरेंडर करने वाले नक्सलियों से मिली जानकारी के आधार पर नक्सलियों की हाईटेक कुंडली तैयार की है।

सरेंडर किए गए नक्सलियों (Naxalites) से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने करीब 1000 नक्सलियों की प्रोफाइल तैयार की है। इसमें दंतेवाड़ा जिले में सक्रिय नक्सलियों के निचले कैडर से लेकर शीर्ष कैडर तक एक हजार नक्सलियों की जानकारी कैडर ट्री के तौर पर अंकित की गई है। इसमें संगठन के शीर्ष पदाधिकारियों के नाम के अलावा उनके अधीन काम करने वाले कैडर का जिक्र भी है।

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पहली बार इस प्रोफाइल में नक्सली संगठन की वर्गीकृत जानकारी दर्ज है। जिसमें स्पेशल जोनल कमेटी, डिवीज़नल कमेटी, टेलर टीम, मेडिकल टीम, पंचायत कमेटी, डिवीजन एक्शन टीम, डिवीजन कम्युनिकेशन टीम, रिपेयरिंग टीम, सीएनएम पार्टी, प्रेस टीम, डीवीसी सुरक्षा दलम, डीवीसी स्टाफ, डिवीजन कमेटी, डीएकेएमएस, जनताना सरकार, सप्लाई टीम, मिलिशिया बाल संगठन के सदस्यों की जानकारी फीड की गई है।

खास बात यह भी है कि नक्सलियों (Naxals) के कोर इलाके, ट्रेनिंग, एंबुश प्वाइंट, आश्रय स्थल, क्रॉसिंग प्वाइंट, एपीटी प्वाइंट, हथियार धारी जैसी तमाम सारी बारीक गतिविधियों को भी पहली बार सार्वजनिक किया गया है। बाकायदा इसके साथ इलाके के मैप भी हैं। टॉप लीडर्स के नामों के साथ फोटो भी हैं।

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इस प्रोफाइल को बनाने के बाद अब बारी एक्शन की है। दंतेवाड़ा एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव के मुताबिक सरेंडर और गिरफ्तार नक्सलियों से पूछताछ के आधार पर डिटेल प्रोफाइल बनाकर जारी किए गए हैं, ताकि एंटी नक्सल ऑपरेशन में पारदर्शिता लाई जा सके। इसकी एक-एक कॉपी जनप्रतिनिधियों को भी मुहैया कराई जाएगी, ताकि वे नक्सलियों (Naxalites) को सरेंडर कर पुनर्वास पैकेज का लाभ उठाने के लिए प्रेरित कर सकें।

आपको बता दें कि सुकमा और दंतेवाड़ा जिले के सीमाई इलाके और जिले के अंदर इस दरभा डिवीजन के नक्सलियों (Naxals) की सक्रियता सबसे ज्यादा है। इसमें टॉप कैडर के एके-47 से लैस 9 नक्सली हैं। डीवीसी स्टाफ, दरभा डिवीजन प्रेस टीम, सीएनएम पार्टी, केएएमएस, टीडी टीम, कम्युनिकेशन टीम, एक्शन टीम, मेडिकल टीम, टेलर टीम में 51 नक्सली हैं।

इसके अंतर्गत कटेकल्याण और मलांगिर एरिया कमेटी काम करती है। इसमें 600 से ज्यादा नक्सली हैं। कुआकोंडा, कटेकल्याण, किरंदुल इलाके में इसी डिवीजन की सक्रियता है। पूर्व विधायक भीमा मंडावी, बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा की हत्या भी इसी डिवीजन के सदस्यों ने की है। अब तक नक्सलियों (Naxals) की संख्या को लेकर बेहद स्पष्टता नहीं रही है। अफसरों का मानना है ऐसा करने से अब जिले में नक्सलियों की संख्या स्पष्ट हो सकेगी।

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