
कभी विचारधारा की लड़ाई रहा नक्सल आंदोलन अब हिंसा, लूट-पाट और अराजकता का दूसरा नाम बन चुका है। आए दिन लूट-पाट, अपहरण और फिरौती जैसी खबरें आती रहती हैं। इसी कड़ी में नक्सलियों ने 11 मार्च को दंतेवाड़ा जिले के जबेली गांव से एसआई ललित कश्यप और एक शिक्षक जयसिंह कुरेटी को अगवा कर लिया। मामले की जानकारी होते ही पुलिस की टीम दोनों की पतासाजी में जुट गई।
आखिरकार, पुलिस का दबाव पड़ने के बाद 12 मार्च को नक्सलियों ने सब इंस्पेक्टर और टीचर को रिहा कर दिया। नक्सलियों ने सोमवार को एसआई ललित कुमार और शिक्षक जय सिंह करेटी का जबेली गांव से अपहरण कर लिया था।
नक्सली चंगुल से छुटने के बाद दोनों सीआरपीएफ कैंप पहुंचे। अपहरण के बाद ही सबस इंस्पेक्टर ललित कुमार की हत्या की खबर फैल गई थी। हालांकि, मंगलवार को दोनों की रिहाई के बाद अफवाह गलत साबित हो गई।
SI ललित कश्यप सीआरपीएफ कैम्प समेली में तैनात हैं और शिक्षक जय सिंह कुरेटी भी इसी इलाके के एक स्कूल में पोस्टेड हैं। गौरतलब है कि बस्तर क्षेत्र में लंबे अरसे से नक्सली स्थानीय लोगों को भी निशाना बना रहे हैं। लगातार ऐसे मामले सामने आते रहते हैं, जब नक्सली ग्रामीणों को पुलिस मुखबिरी के आरोप में मौत के घाट उतार देते हैं।
इससे पहले साल 2012 में नक्सलियों ने सुकमा के कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन को अगवा कर लिया था। इस दौरान कलेक्टर मेनन की सुरक्षा में तैनात दो सुरक्षा गार्डों की नक्सलियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। कलेक्टर 12 दिन तक नक्सलियों के कैद में रहे, फिर जाकर वो नक्सलियों के चंगुल से निकल पाए थे।
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