छत्तीसगढ़: सुकमा जिले में हर तरफ दिख रहा है ‘पूना नर्कोम’ का असर, एक साथ 43 नक्सलियों ने उठाया यह कदम

आत्मसमर्पण (Surrender) करने वाले नक्सलियों (Naxalites) में सभी सुकमा जिले के ही दस अलग-अलग गांवों के रहने वाले हैं। सभी नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सामने आत्मसमर्पण किया है।

Naxalites

छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति के तहत राज्य पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। सुकमा जिले के गरिदास इलाके में सक्रिय नक्सलियों (Naxalites) में से 43 ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण (Surrender) कर दिया है, इनमें से एक पुलिस का मोस्ट वांटेड नक्सली कमांडर पोडियामी लक्ष्मण भी शामिल है।

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सुकमा पुलिस के अनुसार, आत्मसमर्पण (Surrender) करने वाले नक्सलियों (Naxalites) में सभी सुकमा जिले के ही दस अलग-अलग गांवों के रहने वाले हैं। सभी नक्सलियों ने वरिष्ठ पुलिस अधिक्षक और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के सामने आत्मसमर्पण किया है। एसपी ने बताया कि ‘पूना नर्कोम’ अभियान शुरू होने के बाद से अब तक सुकमा के करीब 30 गांवों के 176 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। जिसे समाज की मुख्य धारा में जोड़ने के साथ सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।  

वहीं आत्मसमर्पण करने वाले 43 नक्सलियों (Naxalites) में शामिल दुर्दांत नक्सली लक्ष्मण पर कई नक्सली वारदातों में शामिल होने का आरोप है। लक्ष्मण के खिलाफ जिले के कई थानों में मामले भी दर्ज हैं। प्रशासन ने लक्ष्मण के सिर पर एक लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया है।

इस सफलता पर बोलते हुये सुकमा के पुलिस अधीक्षक (एसपी)  सुनील शर्मा ने बताया कि प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे ‘पूना नर्कोम’ अभियान के तहत जिले के रिमोट इलाकों में पुनर्वास नीति का प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। इसी से प्रभावित होकर स्थानीय नक्सली लगातार हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों (Naxalites) को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से समर्पण व पुनर्वास नीति के तहत जरूरी मदद और आवश्यक सुविधाएं भी दी जायेंगी।

गौरतलब है कि पिछले महीने की 30 तारीख को ही सुकमा में ही एक साथ 35 नक्सलियों (Naxalites) ने आत्मसमर्पण (Surrender) किया था। ऐसे में इलाके के बाकी नक्सली भी इससे प्रभावित होकर हिंसा का रास्ता छोड़कर सामान्य जीवन-यापन की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं।

 

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