Black Fungus
अगर किसी मरीज में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के लक्षण दिखते हैं तो उसकी देखभाल के बारे में भी एम्स (AIIMS) ने भी जानकारी दी है।
भारत में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के मामले बढ़ रहे हैं। अबतक यूपी, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश सहित 11 राज्यों में इसके मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, राजस्थान सरकार ने इस बीमारी को भी कोरोना की तरह महामारी घोषित किया है। दिल्ली एम्स में ही पिछले एक सप्ताह के दौरान 75 से 80 मरीज भर्ती हुए हैं जिनमें से 30 मरीजों की हालत काफी गंभीर है।
वहीं, 19 मई को मैक्स प्रबंधन ने बताया कि देश भर में उनके अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 50 मरीज उपचाराधीन हैं। दिल्ली में मैक्स, एम्स, सरगंगाराम और मूलचंद अस्पताल में मामले सामने आए हैं, मूलचंद अस्पताल में इस बीमारी से पीड़ित एक मरीज की मौत भी हो गई है। एम्स दिल्ली के डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस अब मधुमेह या स्टेरायॅड तक ही सीमित नहीं रह गया है।
अचानक से मरीजों की संख्या बढ़ने के पीछे कोरोना के नए स्ट्रेन हैं। ऐसे में अब एम्स ने इस बीमारी से जुड़े कुछ दिशा-निर्देश जारी किए हैं। एम्स की ओर से डॉक्टरों को सलाह दी गई है कि जो मरीज ब्लैक फंगस के शिकार होने के रिस्क पर हैं, उन्हें लगातार सूचित करें, चेकअप करवाएं।
इनको है खतरा
जिन मरीजों को डायबिटीज है, उन्हें ब्लैक फंगस का खतरा अधिक है। डायबिटीज होने के बाद स्टेरॉयड या tocilizumab दवाईयों का सेवन करते हैं, उनपर इसका खतरा है। कैंसर का इलाज करा रहे मरीज या किसी पुरानी बीमारी से पीड़ित मरीजों को भी रिस्क है। जो मरीज स्टेरॉयड और tocilizumab को अधिक मात्रा में ले रहे हैं। कोरोना से पीड़ित गंभीर मरीज जो मास्क या वेंटिलेटर के जरिए ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं।
ऐसे चलेगा पता
नाक से खून बहना, पपड़ी जमना या काला-सा कुछ निकलना। नाक का बंद होना, सिर और आंख में दर्द, आंखों के पास सूजन, धुंधला दिखना, आंखों का लाल होना, कम दिखाई देना, आंख को खोलने-बंद करने में दिक्कत होना। चेहरे का सुन्न हो जाना या झुनझुनी-सी महसूस होना। मुंह को खोलने में या कुछ चबाने में दिक्कत होना। ऐसे लक्षणों का पता लगाने के लिए हर रोज खुद को चेक करें, अच्छी रोशनी में चेक करें ताकि चेहरे पर कोई असर हो तो दिख सके। दांतों का गिरना, मुंह के अंदर या आसपास सूजन होना।
ऐसे करें देखभाल
अगर किसी मरीज में ब्लैक फंगस (Black Fungus) के लक्षण दिखते हैं तो उसकी देखभाल के बारे में एम्स ने भी जानकारी दी है। किसी ENT डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें, आंखों के एक्सपर्ट से संपर्क करें या किसी ऐसे डॉक्टर के संपर्क में जाएं जो ऐसे ही किसी मरीज का इलाज कर रहा हो। ट्रीटमेंट को हर रोज फॉलो करें।
ये भी देखें-
अगर डायबिटीज है तो ब्लड शुगर को मॉनिटर करते रहें। कोई अन्य बीमारी हो तो उसकी दवाई लेते रहें और मॉनिटर करें। खुद ही स्टेरॉयड या किसी अन्य दवाई का सेवन ना करें। डॉक्टर की सलाह पर ही इलाज करें। डॉक्टर की जरूरी सलाह पर MRI और CT स्कैन करवाएं। नाक-आंख की जांच भी जरूरी है।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App