
सांकेतिक तस्वीर
छत्तीसगढ़ के बस्तर सीट पर 11 अप्रैल को मतदान कराने के बाद सभीं दुर्गम क्षेत्रों से करीब 95 फीसद पोलिंग पार्टियां बेस कैंपों तक सकुशल लौट आईं। इसमें आधे से अधिक मतदान दलों हेलिकॉप्टर के जरिए को लौटे। इस बीच, सुरक्षाबलों ने पोलिंग पार्टियों को निशाना बनाने की बड़ी नक्सली साजिश को नाकाम कर दिया। साथ ही, नक्सलियों को चमका देने के लिए पोलिंग पार्टियों का रास्ता भी बदला गया। नक्सलियों ने पोलिंग पार्टियों के रास्ते पर कई आइईडी बम प्लांट किए थे। जिन्हें चिह्नित कर के मौके पर ही नष्ट कर दिया गया। लगभग दस पोलिंग पार्टियां माओवादियों के निशाने पर थीं।
बीजापुर में 12 अप्रैल को मतदान दलों को निशाना बनाने के लिए नक्सलियों द्वारा लगाए गए कई आइईडी को सीआरपीएफ की टीम ने डिटेक्ट किया। जिससे मतदान कराने के बाद लौट रही 10 पोलिंग पार्टियां नक्सली हमले की चपेट में आने से बच गईं। दोपहर लगभग 12 बजे सीआरपीएफ की बीडीएस ने मुरकीनार-आवापल्ली टी-पाइंट पर एक और नुकनपाल-चेरामंगी के बीच चार आइईडी डिटेक्ट किए। इस दौरान दोनों छोर पर आवापल्ली से बीजापुर और बीजापुर से आवापल्ली की तरफ आने-जाने वाली सभी गाड़ियों को रोक दिया गया था।
मुरदोण्डा के अलावा अन्य स्थानों से मतदानकर्मियों को लेकर निकली बसों को आवापल्ली, चेरामंगी व नुकनपाल में रोक दिया गया था। करीब डेढ़-दो घंटे तक आवागमन रोक कर बीडीएस ने सड़क के नीचे दबे पांच आइईडी को डिटेक्ट किया। जिनमें से एक को मौके पर ही ब्लास्ट कर बाकी चार को सुरक्षित डिफ्यूज कर दिया गया। इतना ही नहीं, नक्सलियों को चकमा देने के लिए पोलिंग पार्टियां फोर्स की सुरक्षा में रास्ता बदल-बदलकर चलती रहीं। सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने पोलिंग पार्टियों के लौटने को लेकर बेहद गोपनीयता बरती। लिहाजा, सबकी सकुशल वापसी हो सकी।
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