बिहार: इस गांव में नक्सली पर्चा मिलने से मचा हड़कंप, 17 लोगों को संगठन में शामिल होने नहीं दिया तो 6 इंच छोटा करने की दी धमकी

नक्सली पर्चे (Naxali Letter) में टीचर असगर के अलावा अन्य ग्रामीण काशिम, निसार, सदर, चेरका ,सलीम, नवी ,कारू, हविश, बाजो, खर्टली, मुसिया, रोजन,प्यारी ,यूनुस, इस्लाम व चतुर का नाम लिखा हुआ है।

Naxali Letter

बिहार के जमुई जिले में नक्सली पर्चा मिलने से हड़कंप मच गया। ये घटना बिहार-झारखंड बॉर्डर पर स्थित चकाई इलाके के बरमोरिया पंचायत के तहत आने वाले गुडूरबाद गांव की है। जहां हाथ से लिखा ये पर्चा (Naxali Letter) गांव के उत्तरी छोर पर मौजूद एक पेड़ पर धागे के सहारे लटका हुआ मिला।  जिसमें गांव के ही एक टीचर सहित 17 लोगों को घर छोड़कर नक्सली संगठन में शामिल होने का नक्सली आदेश दिया गया है। इतना ही नहीं, यदि ये लोग ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें 6 इंच छोटा करने की धमकी भी दी गई है। सहित 17 लोगों को घर छोड़कर संगठन के साथ चलने के लिए कहा गया है नहीं तो छह इंच छोटा करने की धमकी दी गयी है।  

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इस नक्सली पर्चे (Naxali Letter)के दोनों तरफ हाथ से लिखा हुआ था। जिसके उपर में ‘लाल सलाम और भाकपा माओवादी के तरफ से’ लिखा हुआ था। हालांकि नक्सली पर्चा होने के कारण आस-पास के लोग इसके बारे में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं।

इस पर्चे (Naxali Letter) के बारे में सूचना तब मिली जब मंगलवार सुबह को गांव के स्थानीय लोग रोज की भांति गांव की पक्की सड़क से जा रहे थे तभी रास्ते के किनारे पर स्थित पेड़ में सादे पेपर पर लाल रंग से लिखा एक पर्चा लटका दिखा। जिसमें लिखा गया है कि लाल सलाम, भाकपा माओवादी पार्टी की तरफ से, नाम- असगर अंसारी, आपको तीन बार बुलाया गया उसमें से आप इनकार किए आप पारा टीचर छोड़िए और क्रांतिकारी चलाइए घर द्वार छोड़िए साथ में चलिए। मेरे घर छूट है, दिन दहाड़े लूट है गुडूरबाद किसान कमेटी से पार्टी का कुछ लेना देना नहीं है, सब घर छोड़िए नहीं तो छह इंच छोटा कर देंगे।

इस नक्सली पर्चे (Naxali Letter) में टीचर असगर के अलावा अन्य ग्रामीण काशिम, निसार, सदर, चेरका ,सलीम, नवी ,कारू, हविश, बाजो, खर्टली, मुसिया, रोजन,प्यारी ,यूनुस, इस्लाम व चतुर का नाम लिखा हुआ है। पर्चे की सूचना पाकर चकाई थाना पुलिस और चकाई सीआरपीएफ की टीम मौके पर पहुंची और पेड़ में टंगे पर्चे को जब्त कर लिया। हालांकि चकाई थाना प्रभारी विश्वमोहन झा ने भी इस पर्चे के बारे में बस इतना ही कहा कि ये नक्सलियों का कारनामा है या असामाजिक तत्वों की करतूत, इसका पता छानबीन के बाद ही चल पायेगा। फिलहाल ग्रामीणों को डरने की जरूरत नहीं है, स्थानीय पुलिस उनकी सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर है।

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