बिहार: STF ने हार्डकोर नक्सली दूधनाथ को धर दबोचा, सालों से थी इसकी तलाश

गिरफ्तार नक्सली प्रतिबंधित नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी से जुड़ा हुआ है। स्पेशल टास्क फोर्स को सूचना मिली थी कि शीर्ष नक्सली राजन दा दस्ते का सक्रिय सदस्य दूधनाथ साह बगहा में छिपा हुआ है।

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उत्तर बिहार में सक्रिय भाकपा माओवादी के हार्डकोर सदस्य दूधनाथ साह को बिहार पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार कर लिया।

बिहार पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स को एक और कामयाबी हाथ लगी है। उत्तर बिहार में सक्रिय भाकपा माओवादी के हार्डकोर सदस्य दूधनाथ साह को बिहार पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स ने गिरफ्तार कर लिया है। बगहा के जंगलों से इस नक्सली की गिरफ्तारी हुई है। नक्सली को गिरफ्तार कर बगहा जिला पुलिस को सौंप दिया गया है। गिरफ्तार नक्सली प्रतिबंधित नक्सली संगठन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी माओवादी से जुड़ा हुआ है। स्पेशल टास्क फोर्स को सूचना मिली थी कि शीर्ष नक्सली राजन दा दस्ते का सक्रिय सदस्य दूधनाथ साह बगहा में छिपा हुआ है। एसटीएफ की टीम काफी दिनों से इस नक्सली को गिरफ्तार करने के लिए इसके पीछे लगी हुई थी।

बगहा में इसके छिपे होने की सूचना मिलने के बाद छापेमारी कर इसे गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार नक्सली से पूछताछ की जा रही है। एसटीफ द्वारा गिरफ्तार नक्सली दूधनाथ साह उत्तर बिहार में काफी सक्रिय था। वह कई नक्सली वारदातों का मुख्य आरोपी रहा है। यह चर्चित सरैया नक्सली हमले का भी मुख्य आरोपी है। गिरफ्तार नक्सली संगठन के लिए लेवी वसूली करने के साथ ही अन्य नक्सली गतिविधियों में भी शामिल था। इधर बगहा के जंगलों में नक्सलियों के छिपे होने की लगातार सूचनाएं आ रही हैं। इससे पहले जेल में बंद बिहार के हार्डकोर नक्सली रोहित साहनी की करीबी महिला नक्सली रेखा उर्फ जानकी पुलिस के हत्थे चढ़ गई।

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एसएसबी, एसटीएफ और मीनापुर पुलिस की संयुक्त टीम ने 12 जुलाई की रात घेराबंदी कर रेखा को दबोच लिया। रेखा एक दिन पहले ही मीनापुर सेंटर स्थित अपने घर आई थी। मीनापुर थाने में पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। कुढ़नी में 6 साल पहले रेल पटरी उड़ाने के साथ ही कई अन्य नक्सली हमलों में रेखा का हाथ था। रेखा के खिलाफ कुढ़नी के साथ सकरा और सरैया थाने में नक्सल एक्ट के तहत मामला दर्ज है। पुलिस की दबिश के बाद रेखा ने मुजफ्फरपुर छोड़ दिया था। कुछ महीने से मुजफ्फरपुर और शिवहर इलाके में रेखा की चहलकदमी बढ़ गई थी। खुफिया अधिकारियों की भी उस पर नजर थी। कुछ दिन पहले भी वह मीनापुर स्थित अपने घर पहुंची थी। लेकिन, जब तक पुलिस टीम घेराबंदी करती, वह पुलिस के हाथ से निकल गई थी।

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