बिहार: मुंगेर में डीआईजी ने सभी सुरक्षाबलों के साथ की बैठक, नक्सलियों के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने का निर्देश

डीआईजी ने इस बैठक से नक्सलियों (Naxali) से अपील की कि वे समाज की मुख्य धारा में लौट आयें और अपने परिवार के साथ सामान्य जीवन बसर करें।

Anit- Naxali Meeting

Photo Credit: @Jagran

बिहार के नक्सल प्रभावित मुंगेर में एक प्रशासनिक स्तर की बैठक हुई। इस बैठक में पहाड़ और जंगली इलाके में नक्सलियों (Naxali) की बढ़ती गतिविधि पर अंकुश लगाने के लिए एकजुट होने की बात कही गई। इस बैठक की अगुवाई मुंगेर डीआईजी शफीउल हक ने की। बैठक में सीआरपीएफ, एसएसबी, कोबरा बटालियन के साथ ही पड़ोस के चारों जिले के एएसपी ने भी शिरकत की।

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डीआईजी की इस बैठक में नक्सलियों (Naxali) के गतिविधियों पर अंकुश लगाने और उनके खिलाफ प्रभावी कार्रवाई को लेकर चर्चा हुई। डीआइजी ने सभी जिलों के एएसपी के साथ ही सीआरपीएफ और एसएसबी के अधिकारियों को एक दूसरे से नक्सलियों (Naxali) की गतिविधियों की जानकारी का आदान-प्रदान और आपस में अच्छी तरह से सामंजस्य बनाने की सलाह दी।

इस बैठक के दौरान डीआईजी ने बताया कि जिन पुलिस पिकेट पर नक्सली खतरे की संभावना सबसे ज्यादा है, वैसे पुलिस पिकेटों की सुरक्षा को और पुख्ता किया जाये।

डीआईजी के अनुसार, साल 2005 से पहले नक्सल संगठनों का एक सिद्धांत हुआ करता था कि वो बच्चे, बूढे, औरतों और कमजोर तबके के लोगों को निशाना नहीं बनाते थे, लेकिन अब नक्सलियों (Naxali) का कोई ईमान नहीं रहा। अब नक्सली संगठन पूरी तरह से आपराधिक संगठन में तब्दील हो गया है। जिनका काम सिर्फ फिरौती, रंगदारी वसूलना और कमजोर लोगों पर अत्याचार कर अपने को मजबूत दिखाना रह गया है। नक्सलियों (Naxali) का आंदोलन पूरी तरह से खत्म होकर अब सिर्फ जनता पर जुल्म करना रह गया है।

डीआईजी के मुताबिक, मैंने उनके ठिकानों पर जाकर देखा कि किस तरह की बदहाल जिंदगी वो जी रहे हैं। नक्सली भी हमारे समाज का ही एक हिस्सा हैं, जो ज्ञान के अभाव में भटक गए हैं। ऐसे में हमारा ये प्रयास होना चाहिये कि सड़क, आवास, बिजली व अन्य विकास की योजनाओं का लाभ उन्हें दिलाया जाये। डीआईजी ने इस बैठक से नक्सलियों (Naxali) से अपील की कि वे समाज की मुख्य धारा में लौट आयें और अपने परिवार के साथ सामान्य जीवन बसर करें।

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