Army Day 2021: 15 जनवरी को क्यों मनाया जाता है आर्मी डे, यहां जानें सब कुछ

Army Day 2021: फ्रांसिस बुचर भारत के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। उनके बाद फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ बने थे।

Army Day 2021

Army Day 2021: हर साल 15 जनवरी को आर्मी डे मनाया जाता है। भारतीय थल सेना इस दिन को पूरे उत्साह के साथ मनाती है। 1949 में आज ही के दिन फील्ड मार्शल केएम करियप्पा (Field Marshal KM Cariappa) ने जनरल फ्रांसिस बुचर (General Sir Francis Butcher) से भारतीय सेना की कमान ली थी।

नई दिल्ली: भारतीय थल सेना के लिए आज एक अहम दिन है। सेना आज अपना 73वां स्थापना दिवस (Army Day 2021) मना रही है। इस मौके पर भारतीय सेना ने उन 100 सैनिकों और अधिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होंने 2020 में पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में हुए संघर्ष समेत कई अभियानों में अपने प्राणों की आहुति दी थी।

बता दें कि हर साल 15 जनवरी को आर्मी डे मनाया जाता है। भारतीय थल सेना इस दिन को पूरे उत्साह के साथ मनाती है। 1949 में आज ही के दिन फील्ड मार्शल केएम करियप्पा (Field Marshal KM Cariappa) ने जनरल फ्रांसिस बुचर (General Sir Francis Butcher) से भारतीय सेना की कमान ली थी।

फ्रांसिस बुचर भारत के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ थे। उनके बाद फील्ड मार्शल केएम करियप्पा भारतीय सेना के पहले कमांडर इन चीफ बने थे।

करियप्पा के भारतीय थल सेना के शीर्ष कमांडर का पद संभालने की वजह से हर साल यह दिन मनाया जाता है। करियप्पा पहले ऐसे अधिकारी थे जिन्हें फील्ड मार्शल की रैंक दी गई थी।

पूरा देश इस दिन भारतीय थल सेना के साहस, वीरता और कुर्बानी को याद करता है।

बता दें कि भारतीय सेना, चीन और अमेरिका के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सेना है। इसका गठन 1776 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकाता में किया था।

आर्मी डे के मौके पर भारतीय सेना ने ट्वीट भी किया है। भारतीय सेना ने लिखा, ‘हर भारतीय इस बात पर गर्व करता है कि भारतीय सेना शक्तिशाली, आधुनिक, सर्वश्रेष्ठ एवं उच्च मनोबल के साथ सदैव तैयार है। हमारा देश के प्रति दायित्व हमारे प्रेरणा का अजस्र स्रोत है।’

आर्मी डे के मौके पर नई दिल्ली और सेना के सभी मुख्यालयों में कार्यक्रम होते हैं। इसमें सैन्य परेड, सैन्य प्रदर्शनी और अन्य कार्यक्रम शामिल हैं। इस दिन दिल्ली की इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। इसके अलावा शहीदों की विधवाओं या परिजनों को सेना मेडल और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता है।

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