सोमवार को ही भारतीय सेना को 31 नए रिलीजियस टीचर्स (Religious Teacher) मिले हैं। ये सभी लोग बतौर जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) शामिल हुए हैं। सेना की कमीशनिंग सेरेमनी से लेकर बाकी जगहों में भी इन टीचर्स का अहम रोल होता है।
नई दिल्ली: भारतीय सेना का नाम सुनते ही दिल में एक उत्साह दौड़ जाता है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि अपनी मातृभूमि के लिए कुछ कर गुजरना बहुत रोमांचक होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेना में सैनिकों के अलावा रिलीजियस टीचर (धार्मिक शिक्षकों) की भी भर्ती की जाती है?
बता दें कि सोमवार को ही भारतीय सेना को 31 नए रिलीजियस टीचर्स (आरटी) मिले हैं। ये सभी लोग बतौर जूनियर कमीशंड ऑफिसर (जेसीओ) शामिल हुए हैं। सेना की कमीशनिंग सेरेमनी से लेकर बाकी जगहों में भी इन टीचर्स का अहम रोल होता है।
सोमवार को पुणे के दोपोड़ी में स्थित कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग में (सीएमई) के इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंटीग्रेशन (आईएनआई) में पासिंग आउट परेड हुई थी। इस परेड के दौरान ही सेना को कमीशन मिला है।
जिस कोर्स के तहत ये 31 टीचर्स पास हुए हैं, इसमें व्यवहार और सामाजिक विज्ञान, राष्ट्रीय एकता, आध्यात्म, योगा, मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग और स्ट्रेस मैनेजमेंट वगैरह शामिल होता है। अब ये जवान धार्मिक योद्धा के तौर पर भारतीय सेना की सेवा करेंगे। इन जवानों का काम बाकी के जवानों का तनाव की स्थिति में उत्साहवर्धन करना भी होता है। ये जवानों को मनोवैज्ञानिक तौर पर सलाह देते हैं और मेंटल हेल्थ के प्रति जागरुक करते हैं।
आईएनआई को साल 1980 में पीएम और सेना प्रमुख के आइडिया के बाद तैयार किया गया था।
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