कोरोना की तीसरी लहर पर IIT कानपुर के 2 प्रोफेसर आमने-सामने, कर रहे ये दावे

कोरोना महामारी पर शोध कर रहे आईआईटी कानपुर के 2 प्रोफेसरों ने कोरोना के नए स्ट्रेन पर अलग-अलग राय व्यक्त की है।

Coronavirus

कोरोना (Coronavirus) पर रिसर्च करने वाले दूसरे प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा है कि उनकी स्टडी चल रही है लेकिन देश में वैक्सिनेशन की तेज रफ्तार को देखकर साफ लग रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव बहुत हद तक कम होगा।

नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) महामारी पर लगातार रिसर्च हो रही है। इस समय कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को लेकर चर्चा तेज है। ऐसे में इस महामारी पर शोध कर रहे आईआईटी कानपुर के 2 प्रोफेसरों ने कोरोना के नए स्ट्रेन पर अलग-अलग राय व्यक्त की है।

प्रोफेसर राकेश रंजन के मुताबिक, कोरोना (Coronavirus) की तीसरी लहर, दूसरी के मुकाबले ज्यादा खतरनाक साबित हो सकती है। उन्होंने सर गणितीय मॉडल के आधार पर किए गए शोध के हवाले से बताया है कि आने वाले सितंबर-अक्टूबर महीने में कोरोना की तीसरी लहर अपने पीक पर होगी।

प्रोफेसर रंजन ने स्टडी में वैक्सीनेशन का जिक्र किए बिना कहा है कि देश में अनलॉक की प्रक्रिया 15 जुलाई तक पूरी हो जाएगी। ऐसे में लोग मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बंद कर देंगे और कोरोना अपनी रफ्तार से फैलेगा।

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वहीं रिसर्च करने वाले दूसरे प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने कहा है कि उनकी स्टडी चल रही है लेकिन देश में वैक्सिनेशन की तेज रफ्तार को देखकर साफ लग रहा है कि कोरोना की तीसरी लहर का प्रभाव बहुत हद तक कम होगा। दोनों के बीच ट्विटर वॉर भी चला। प्रोफेसर मणींद्र ने प्रोफेसर रंजन के स्टडी को टैग कर लिखा कि उनकी रिसर्च रिपोर्ट जल्दी ही आएगी, वह अभी शोध कर रहे हैं।

आपको बता दें कि देश में बीते 21 जून से सभी के लिए फ्री वैक्सीनेशन प्रोग्राम की शुरूआत की गई है। अब तक करीब 30 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन दी जा चुकी है। जिसमें पहली डोज लेने वालों का आंकड़ा लगभग 25 करोड़ है वहीं 5 करोड़ लोगों ने दोनों डोज ले ली हैं।

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