मिग-21 हादसे में शहीद हुए कैप्टन आशीष गुप्ता, बहनों को एयरफोर्स में जाने के लिए करते थे प्रेरित

ग्वालियर में वायुसेना (Indian Air Force) के जहाज मिग-21 (MiG 21) के हादसे में जालौन का लाल कैप्टन आशीष गुप्ता (Captain Ashish Gupta) शहीद हो गया।

Captain Ashish Gupta

Captain Ashish Gupta

कैप्टन आशीष गुप्ता (Captain Ashish Gupta) के जहाज की दुर्घटना की खबर मिलते ही उसके करीबी साथियों की जुबान पर सिर्फ आशीष की ही बातें थीं।

ग्वालियर में वायुसेना (Indian Air Force) के जहाज मिग-21 (MiG 21) के हादसे में जालौन का लाल कैप्टन आशीष गुप्ता (Captain Ashish Gupta) शहीद हो गया। कैप्टन आशीष की चचेरी बहन सोनम ने बताया कि आशीष के बड़े भाई ने फोन कर बताया कि आशीष का प्लेन ग्वालियर में हादसे का शिकार हो गया है और आशीष भी उस हादसे में शहीद हो गया है।

चचेरी बहन रुपाली ने बताया कि अज्जू (आशीष के घर का नाम) भइया हमेशा देश के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते थे। स्वभाव से काफी रिजर्व होने के कारण बोलते तो कम थे, लेकिन एयरफोर्स के रोमांच और देश प्रेम की बातें करते वक्त वे हम बहनों को भी एयरफोर्स की तैयारी करने के लिए प्रेरित करते थे। कहते थे कि अब बेटियां भी एयरफोर्स में अपनी क्षमता का प्रदर्शन बखूबी कर रही हैं। 

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रुपाली बताती है कि उसने तो भाई की बातों से प्रेरित होकर एयरफोर्स की तैयारी भी की थी लेकिन सफल नहीं हो सकी। रुपाली ने बताया कि भइया का फोन अक्सर हम पांच बहनों में से किसी न किसी के पास आया ही करता था। यह बात और है कि सर्विस की व्यस्तता के कारण वे ज्यादा समय बात नहीं करते थे, सिर्फ पापा मम्मी के साथ पूरे घर के हाल चाल पूछकर फिर से फोन करने को कहते हुए बात खत्म कर देते थे।

आखिरी बार लॉकडाउन के पहले किसी दोस्त की शादी में अज्जू भाई उरई स्थित घर आए थे। आशीष (Captain Ashish Gupta) के जहाज की दुर्घटना की खबर मिलते ही उसके करीबी साथियों की जुबान पर सिर्फ आशीष के ही चर्चे थे।

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घर के पास उसके साथी रवि गुप्ता, सुमित, प्रेमनाथ आदि खड़े होकर कैप्टन आशीष के विषय में ही चर्चा कर रहे थे। साथियों ने बताया कि यूं तो आशीष का आना जाना काफी कम था लेकिन आता था तो तीन चार दिन रहता था और हम सबसे से भी एक बार मिलता जरूर था। उसे भुलाना आसान नहीं होगा।

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शहीद कैप्टन आशीष (Captain Ashish Gupta) की शादी 2010 में झांसी के गुरसराय के मोदी परिवार की बेटी छाया से हुई थी। उनके पिता प्रकाश की बैंक की नौकरी का लंबा वक्त फैजाबाद में ही बीता है। इस कारण प्रकाश के दोनों बेटों मनीष और आशीष की पढ़ाई भी फैजाबाद में ही हुई। आशीष की मां कांती देवी भी फैजाबाद में ही शिक्षिका थीं, जिनका कुछ समय पहले ही देहांत हो चुका है। पिता प्रकाश बैंक से सेवानिवृत्त होने के बाद भी अपने फैजाबाद में रहते हैं।

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