सेना की जरुरतों को ध्यान में रखकर तैयार होता है रक्षा बजट, जानें क्यों जरूरी है ये

इस साल रक्षा बजट 4.78 लाख करोड़ रु है जबकि साल 2020-21 में ये आंकड़ा 4.71 लाख करोड़ था। बजट में सैनिकों के वेतन-भत्ते और पेंशन का खर्च भी शामिल होता है।

Defence Budget

सांकेतिक तस्वीर।

Defense Budget: इस साल कुल रक्षा बजट 4.78 लाख करोड़ रुपये है, जबकि साल 2020-21 में ये आंकड़ा 4.71 लाख करोड़ रुपये था। रक्षा बजट में सैनिकों के वेतन-भत्ते और पेंशन का खर्च भी शामिल होता है।

भारतीय सेना (Indian Army) का दबदबा पूरे विश्व में है। भारतीय सेना अपने शौर्य और बलिदान के लिए विख्यात है। किसी भी देश की सेना तब और ज्यादा ताकतवर हो जाती है जब उसके पास बेहतरीन हथियार हों।

विश्व की ऐसे कई देश हैं जिनकी सेनाएं बेहद ही एडवांस हैं और अपने ऊपर हुए हमलों का करारा जवाब देने में सक्षम है। सेना को ताकतवर तभी माना जाता है जब जवानों के पास आधुनिक हथियारों का जखीरा हो। सेना के पास बीते जमाने के हथियार कम से कम होने चाहिए।

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बीते कुछ सालों में भारत भी एक एडवांस सैन्य ताकत बनने की दिशा में अग्रसर है। सेना को एडवांस बनाने के लिए सेना की जरुरतों का ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है। इसके लिए हर साल रक्षा बजट (Defense Budget) लाया जाता है।

इस साल कुल रक्षा बजट (Defense Budget) 4.78 लाख करोड़ रुपये है जबकि साल 2020-21 में ये आंकड़ा 4.71 लाख करोड़ रुपये था। रक्षा बजट में सैनिकों के वेतन-भत्ते और पेंशन का खर्च भी शामिल होते हैं। जब सेना के जवानों की जरुरतों का ख्याल रखा जाएगा तभी उनका मनोबल बढ़ेगा। हम चैन की नींद ले सकें इसके लिए हमारे जवान अपनी जान की परवाह किए बिना दुश्मनों से लोहा लेते हैं।

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भारतीय सेना में लाखों जवान भर्ती है, ऐसे में उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए कई तरह की कोशिशें करने की आवश्यकता होती है जो कि रक्षा बजट (Defense Budget) के जरिए ही पूरी की जा सकती है। सरकार की ओर से लगातार डिफेंस सेक्टर होने वाली अरबों की डील के जरिए सेना को मजबूती देने का काम किया जाता रहा है।

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