
धर्मदेव (Dharmadev) सीआरपीएफ के स्पेशल ग्रुप कोबरा बटालियन में कमांडो थे। वह 2013 में सीआरपीएफ में चयनित हुए थे। उनके पिता रामाश्रय गुप्ता बताते हैं कि धर्मदेव बचपन से ही देशसेवा की बात करते थे और फोर्स में जाने के लिए उत्सुक रहते थे।
चंदौली: छत्तीसगढ़ के बीजापुर-सुकमा बॉर्डर पर शनिवार को हुए नक्सली हमले में यूपी के चंदौली के रहने वाले जवान धर्मदेव (Dharmadev) भी शहीद हो गए। वह शाहबगंज गांव के थे। जैसे ही उनकी शहादत की खबर गांव में पहुंची तो वहां मातम छा गया।
धर्मदेव के घर पर आस-पास के लोगों का जमावड़ा लग गया। जिले के अधिकारी भी उनके घर पहुंचे और परिजनों से बात की।
धर्मदेव (Dharmadev) सीआरपीएफ के स्पेशल ग्रुप कोबरा बटालियन में कमांडो थे। वह 2013 में सीआरपीएफ में चयनित हुए थे। उनके पिता रामाश्रय गुप्ता बताते हैं कि धर्मदेव बचपन से ही देशसेवा की बात करते थे और फोर्स में जाने के लिए उत्सुक रहते थे।
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जवान धर्मदेव के पिता ने बताया कि धर्मदेव मार्च में छुट्टियों में घर आए थे। होली पर 10 दिनों की छुट्टी बिताकर वो ड्यूटी पर लौटे थे। जाते समय उन्होंने परिजनों से कहा था कि वह जल्द वापस आएंगे लेकिन किसे पता था कि अब वह कभी वापस लौटकर नहीं आएंगे।
धर्मदेव की पत्नी मीना और मां कृष्णावती का रो-रोकर बुरा हाल है। उनकी पत्नी प्रेगनेंट है। धर्मदेव के 2 बच्चे पहले से हैं। उनका नाम ज्योति और साक्षी है।
शहीद जवान धर्मदेव का छोटा भाई धनजंय भी सीआरपीएफ में जवान हैं। धनजंय भी छतीसगढ़ में तैनात हैं।
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