झारखंड: लोहरदगा के नक्सल प्रभावित इलाकों में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत की जा रही लोगों की मदद

झारखंड (Jharkhand) के नक्सल प्रभावित (Naxal Affected) लोहरदगा जिले में पुलिस प्रशासन लोगों की हर तरह से मदद करने के लिए तत्पर है।

Naxal Affected Areas

नक्सल प्रभावित (Naxal Affected Areas) सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के शाहीघाट, गम्हरिया, सनई, जुड़नी, गुनी इलाके में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया।

झारखंड (Jharkhand) के नक्सल प्रभावित लोहरदगा जिले में पुलिस प्रशासन लोगों की हर तरह से मदद करने के लिए तत्पर है। पुलिस सामुदायिक पुलिसिंग के तहत लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुन रही है और उनका समाधान करने की कोशिश कर रही है।

इसी कड़ी में जिले की एसपी प्रियंका मीना द्वारा नक्सल प्रभावित (Naxal Affected Areas) सेरेंगदाग थाना क्षेत्र के शाहीघाट, गम्हरिया, सनई, जुड़नी, गुनी इलाके में सामुदायिक पुलिसिंग के तहत कार्यक्रम आयोजित किया गया। एसपी ने ग्रामीणों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुना।

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एसपी ने कहा कि आप पुलिस की मदद करें, पुलिस आपकी मदद को हमेशा तैयार रहेगी। लोहरदगा एसपी द्वारा बताया गया कि ग्रामीणों के अंदर जो नक्सलियों (Naxalites) का भय है, उसे दूर किया जाएगा। नक्सल गतिविधियों (Naxal Activities) पर लगाम लगाया जाएगा। पुलिस आपकी मित्र है। हम हमेशा आपकी मदद के लिए तैयार हैं।

एसपी ने कहा कि समाज से भटके ग्रामीण युवक मुख्यधारा से जुड़कर गांव के विकास में भागीदारी निभाएं। गांव के समुचित विकास के लिए सभी ग्रामीणों का सहयोग आवश्यक है। नक्सली गतिविधि के कारण आज गांव का विकास अधूरा पड़ा है। नक्सल गतिविधियों की समाप्ति के साथ गांव में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। जिसमें ग्रामीणों का सहयोग व भागीदारी जरूरी है।

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एसपी ने कहा कि सरकार के आत्मसमर्पण नीति के तहत गांव के बेरोजगार ग्रामीण युवक जो समाज से भटक गए हैं, वे आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में जुड़कर समर्पण नीति का लाभ

एसपी ने कहा कि अंधविश्वास और नशापान से दूर रहकर ग्राम विकास में महिलाएं अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएं। गांव में शराबबंदी सहित अन्य कार्यक्रम पूरी जागरूकता के साथ चलाकर लोगों को नशा से दूर रखें। जिससे गांव के विकास में सहयोग प्राप्त होगा।

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मौके पर सामुदायिक पुलिसिग के तहत पुलिस अधिकारियों ने कई गांव के लोगों के बीच शॉल, छाता आदि बांटा। इसके अलावा ग्रामीण बालक-बालिकाओं के बीच कॉपी, कलम और बिस्किट के पैकेट भी बांटे गए। बता दें कि नक्सलवाद के खात्में के लिए पुलिस प्रशासन लोगों से जुड़ कर उनका विश्वास जीत रहा है। इसमें पुलिस को काफी हद तक कामयाबी भी मिल रही है।

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