सांकेतिक तस्वीर।
पूछताछ में उसने (Pradyuman Sharma) बताया कि वह अब तक कई बड़े नक्सली नेता गणपति, एक करोड़ के इनामी किशन दा, अरविंद (अब मृत) और सुधाकरण (तेलंगाना में आत्मसमर्पण कर चुका है) से मिल चुका है।
रांची: झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान जारी है। इस बीच गिरफ्तार किए गए 25 लाख रुपए के इनामी नक्सली और माओवादियों की स्पेशल एरिया कमेटी के सदस्य प्रद्युमन शर्मा (Pradyuman Sharma) के बारे में कई खुलासे हुए हैं।
मिली जानकारी के मुताबिक, साल 1994 में प्रद्युमन शर्मा बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) में सब इंस्पेक्टर (दारोगा) के पद पर बहाल हुआ था। उसका प्रशिक्षण हजारीबाग के ही मेरू स्थित बीएसएफ कैंप में चल रहा था। लेकिन वह ट्रेनिंग बीच में ही छोड़कर भाग गया और साल 1996 में नक्सलियों के साथ जुड़ गया।
आखिर क्यों दरोगा से नक्सली बना प्रद्युमन शर्मा
पूलिस की पूछताछ में प्रद्युमन शर्मा (Pradyuman Sharma) ने बताया कि उसका गांव में अपनी पैतृक जमीन को लेकर विवाद हो गया था। इसलिए उसने पुलिस की ट्रेनिंग बीच में ही छोड़ दी थी और एक स्थानीय नक्सली संगठन के साथ जुड़ गया था। इसके बाद उसने जमीन के विवाद में एक हत्या कर दी और फिर BSF कभी नहीं लौटा।
पूछताछ में उसने बताया कि वह अब तक कई बड़े नक्सली नेता गणपति, एक करोड़ के इनामी किशन दा, अरविंद (अब मृत) और सुधाकरण (तेलंगाना में आत्मसमर्पण कर चुका है) से मिल चुका है।
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