शहीद कैप्टन सौरभ कालिया
शहीद सौरभ कालिया (Saurabh Kalia) को पाकिस्तानी सेना ने यातनाएं दी थीं और उनके शरीर के साथ बर्बरता की थी। शहीद के शव पर पाकिस्तानी सेना की हैवानियत के निशान भी मिले थे। उनका शव 9 जून, 1999 को बहुत बुरी हालत में मिला था।
पालमपुर: भारत के शहीद कैप्टन सौरभ कालिया (Saurabh Kalia) के परिजनों को आज भी इंसाफ नहीं मिल पाया है। उनके न्याय के लिए सुप्रीम कोर्ट में चल रहे मामले में बीते 2 साल से सुनवाई नहीं हुई है।
बता दें कि शहीद सौरभ कालिया को पाकिस्तानी सेना ने यातनाएं दी थीं और उनके शरीर के साथ बर्बरता की थी। शहीद के शव पर पाकिस्तानी सेना की हैवानियत के निशान भी मिले थे। उनका शव 9 जून, 1999 को बहुत बुरी हालत में मिला था।
ये घटना उस वक्त हुई थी, जब कैप्टन सौरभ कालिया अपने 5 साथियों के साथ कारगिल में पाकिस्तानी सेना की जानकारी निकालने के लिए गए थे।
शहीद के पिता के मन में आज भी खटक रही ये बात
शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के पिता डॉ. एनके कालिया का कहना है कि उस वक्त वाजपेयी सरकार को ये मुद्दा पाकिस्तान समेत इंटरनेशनल लेवल पर उठाना चाहिए था।
शहीद के परिजनों को इस बात का आज भी मलाल है कि उन्हें इंसाफ नहीं मिला। शहीद कैप्टन सौरभ कालिया के लिए इंसाफ का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है लेकिन बीते 2 सालों से इस मामले पर सुनवाई नहीं हुई है।
शहीद के परिजनों का कहना है कि अगर विंग कमांडर अभिनंदन की तर्ज पर भारत सरकार ने ये मुद्दा उठाया होता, तो कैप्टन सौरभ कालिया को भी इंसाफ मिलता।
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