कोरोना वायरस CoronaVirus COVID-19
Coronavirus Updates: भारत में लगातार दूसरे दिन 24 घंटे में 8,392 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित कुल मामलों की संख्या बढ़कर सोमवार को 1,90,535 हो गई है। ऐसे में फ्रांस और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए भारत वैश्विक रूप से कोविड–19 (Coronavirus) से 7वां सबसे अधिक प्रभावित देश बन गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक‚ कुल सक्रिय मामलों की संख्या कम से कम 93,322 हैं‚ जबकि 91,818 लोग इससे उबर चुके हैं। देश में रिकवरी दर अभी 48.19 प्रतिशत है‚ जबकि मृत्यु दर 2.83 प्रतिशत है। महाराष्ट्र में कुल 67,655 मामले दर्ज हुए हैं। इसके बाद सूची में 22,333 मामलों के साथ तमिलनाडु दूसरे और 19,844 मामलों के साथ दिल्ली तीसरे नंबर है।
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सीएसएसई के आकंड़ों के मुताबिक‚ सर्वाधिक मामलों की सूची में दुनिया के और भी कई देश हैं‚ जिनमें रूस (4,14,878)‚ ब्रिटेन (2,74,762)‚ स्पेन (2,86,509)‚ इटली (2,32,997)‚ फ्रांस (1‚88‚882)‚ जर्मनी (1‚83,494)‚ पेरू (1,64,476)‚ तुर्की (1,63,942) और ईरान (1,51,466) शामिल हैं।
हताहतों की बात करें‚ तो 38,571 मौतों के साथ ब्रिटेन अब भी अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर बना हुआ है‚ जो इसे यूरोप में सबसे अधिक मृत्यु के लिए भी जिम्मेदार बनाता है। जिन देशों में द हजार से अधिक मौतें हुई हैं‚ उनमें इटली (33,415)‚ ब्राजील (29,314)‚ फ्रांस (28,805) और स्पेन (27,127) शामिल हैं।
लॉकडाउन में छूट से भारत में कम्युनिटी स्प्रेड जैसे हालात
एम्स के डॉक्टरों और आईसीएमआर शोध समूह के दो सदस्यों सहित स्वास्थ्य विशेषज्ञों के एक समूह का कहना है कि देश की घनी और मध्यम आबादी वाले क्षेत्रों में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के सामुदायिक प्रसार की पुष्टि हो चुकी है। वहीं सरकार बार–बार यह कह रही है कि भारत में कोरोना वायरस संक्रमण सामुदायिक प्रसार के स्तर पर नहीं पहुंचा है।
भारतीय लोक स्वास्थ्य संघ (आईपीएचए)‚ इंडियन एसोसिएशन ऑफ प्रिवेंटिव एंड सोशल मेडिसीन (आईएपीएसएम) और भारतीय महामारीविद संघ (आईएई) के विशेषज्ञों द्वारा संकलित एक रिपोर्ट प्रधानमंत्री को सौंपी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है‚ ‘देश की घनी और मध्यम आबादी वाले क्षेत्रों में कोरोना वायरस (Coronavirus) संक्रमण के सामुदायिक प्रसार की पुष्टि हो चुकी है और इस स्तर पर कोविड–19 को खत्म करना अवास्तविक जान पड़ता है।
रिपोर्ट के अनुसार‚ राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन महामारी के प्रसार को रोकने और प्रबंधन के लिए प्रभावी योजना बनाने के लिए किया गया था ताकि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली प्रभावित न हो। यह संभव हो रहा था लेकिन नागरिकों को हो रही असुविधा और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के प्रयास में चौथे लॉकडाउन में दी गई राहतों-छूट के कारण संक्रमण का प्रसार बढ़ा है।
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