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पश्चिम बंगाल के मेताला के घने बीहड़ में माओवादियों एरिया कमांडर सिधु सोरेन आस-पास के क्षेत्रों के सभी नक्सलियों को एकत्रित कर बड़े हमले की प्लानिंग में था। इससे पहले के हमलों को केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स ने बुरी तरह से विफल किया था।

अयोध्या पर 2005 में आतंवादियों ने हमले की फिराक से परिसर में घुसपैठ की थी। बड़े हमले की प्लानिंग कर राम मंदिर परिसर में घुसे 5-6 आतंकियों के मंसूबों पर सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) ने पानी फेर दिया था।

नक्सलियों के गढ़ में एक बच्चे का जाना और फिर उनके टॉप लीडर को खुला चैलेंज करना अपने आप में ही यह दर्शाता है कि प्रकाश रंजन मिश्रा कितने बहादुर थे।

सीआरपीएफ (CRPF) अफसर प्रकाश रंजन मिश्रा का नाम सुनते ही नक्सली (Naxalites) कांप उठते हैं। वे सीआरपीएफ के उन चुनिंदा जवानों में से एक हैं जिन्होंने अबतक 100 से ज्यादा नक्सलियों को मौत के घाट उतारा है।

भारत और पाकिस्तान के बीच 1965 के युद्ध में हमारे वीर सपूतों ने दुश्मनों को मौत के घाट उतार दिया था। पाकिस्तान ने 1965 की लड़ाई से पहले ऐसी कई नापाक हरकतें शुरू कर दी थी जिसके चलते युद्ध होना तय हो गया था।

सेंट्रल पुलिस फोर्स (CRPF) केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में सबसे ज्यादा अहमियत रखती है। सीआरपीएफ गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाला एक अर्धसैनिक बल है। सीआरपीएफ ने युद्ध से लेकर मेट्रो तक की सुरक्षा में मोर्चा संभाला है।

केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के वीर शहीद भृगुनंदन चौधरी (Constable Bhrigu Nandan Choudhary) बेहद ही बहादुर जवान माने जाते थे।

CRPF के असिस्टेंट कमांडेंट अंजनी कुमार (Anjani Kumar) की जांबाजी के लिए विख्यात हैं। वे बेहद ही चालाकी से दुश्मनों पर कहर बनकर टूटते रहे हैं। अंजनी का नाम सीआरपीएफ के ऐसे जवानों में लिया जाता है जो कि दुश्मनों के छक्के छुड़ा देते हैं।

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