अयोध्या में आतंकी हमले को CRPF ने ऐसे किया था नाकाम, जानें शूरवीरों के पराक्रम की कहानी

अयोध्या पर 2005 में आतंवादियों ने हमले की फिराक से परिसर में घुसपैठ की थी। बड़े हमले की प्लानिंग कर राम मंदिर परिसर में घुसे 5-6 आतंकियों के मंसूबों पर सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) ने पानी फेर दिया था।

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पूरा परिसर सुरक्षा की दृष्टि से तीन हिस्सों में बांटा गया था। Photo Grab: CRPF Website

बड़े हमले की प्लानिंग कर राम मंदिर परिसर में घुसे 5-6 आतंकियों के मंसूबों पर सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) ने पानी फेर दिया था।

अयोध्या में 2005 में आतंवादियों ने हमले की फिराक से परिसर में घुसपैठ की थी। बड़े हमले की प्लानिंग कर राम मंदिर परिसर में घुसे 5-6 आतंकियों के मंसूबों पर सुरक्षा में तैनात केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) ने पानी फेर दिया था। प्लानिंग के तहत आतंकी एक जीप में सबसे पहले कुछ देर परिसर के बाहर ही रुके। 6 आतंकवादी जीप से बाहर निकल गए और एक जीप में ही सवार होकर परिसर के गेट पर पहुंचा।

इसके बाद जीप में मौजूद विस्फोटक से बड़ा धमाका किया गया। धमाका होते ही चारों तरफ धुंआं हो गया। सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ जवान कंधई लाल और उनकी टीम के सम्मुख प्रस्तुत हुआ। पांच आतंकवादी अपने हथियारों से आतंक की आग उगलते हुए परिसर की बाहरी सीमा लांघ रहे थे।

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पूरा परिसर सुरक्षा की दृष्टि से तीन हिस्सों में बांटा गया था, परिसर का सबसे बाहरी हिस्सा येलो जोन था जहां आतंकी ने जीप ब्लास्ट की थी। परिसर का सबसे भीतरी हिस्सा यानी विवादित स्थल का क्षेत्र जोकि रेड जोन था वहां की सुरक्षा का दावित्व सीआरपीएफ पर था और आतंकियों का मकसद इस रेड जोन को भेदना था।

कंधई लाल और उनकी पुलिस टीम फौरन हरकत में आ गई थी। सुरक्षित आड़ लेकर सिविल पुलिस ने आतंकियों की फायरिंग के जवाब में जवाबी फायरिंग शुरू कर दी थी। इस दौरान धमाके की गूंज और गोलियों की तड़तड़ाहट सीआरपीएफ (CRPF) की 135वीं कंपनी की महिला असिस्टेंट कामंडेंट संतो देवी तक पहुंची जोकि प्रतिदिन की तरह ड्यूटी के लिए तैयार हो रही थीं।

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चूंकि दर्शन के दौरान महिला दर्शनार्थियों की सुरक्षा हेतू 135 महिला बटालियन तैनाती रहती है। वहीं, धमाकों की आवाज से सीआरपीएफ जवान विजोतो टिनी और उनके जवान भी फौरन हरकत में आ गए थे। महिला अधिकारी ने भक्तों को सुरक्षा देने के लिए नीचे जमीन पर बैठ जाने के लिए कहा।

इसके बाद कंधई लाल ने मैसेज फ्लैश किया। उन्होंने इसमें अपने साथियों को जानकारी दी कि पांच से 6 आतंकी हथियारों के साथ मुख्य परिसर की ओर बढ़ रहे हैं। कंधई लाल द्वारा पुष्टि होते ही विजोतो टिनी और उनके साथ जवान तैयार हो गए थे। इस दौरान आतंकी ग्रीन जोन से रेड जोन में प्रवेश करने की चेष्टा कर रहे थे।

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इस दौरान अपनी जान की लेशमात्र भी परवाह न करते हुए विजोती टिनी ने बिना बुलेट प्रूफ जैकेट और बिना किसी कवर के ओपन एरिया से ही आतंकियों को मुंहतोड़ जवान दिया। इस दौरान आतंकियों ने रेड जोन में घुसने के लिए अलग-अलग होने पर हामी भरी। इस दौरान भक्तों की आवाज सुन आतंकियों ने उसी दिशा में गोलीबारी शुरू कर दी।

महिला अधिकारी संतो देवी ने भक्तों की जान बचाने के लिए मोर्चा संभाला और बिना किसी सुरक्षा के भक्तों तक पहुंचीं। उन्होंने भक्तों को जमीन पर लेटने के लिए कहा। संतो देवी भक्तों के लिए देवी का अवतार बनकर आई थीं। वहीं दूसरी तरफ आतंकियों ने बमबारी शुरू कर दी थी लेकिन विजेतो और उनकी टीम के हौसले बुलंद थे।

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इस बीच कुछ जवान घायल हो गए तो बटालिय की क्विक रिएक्शन टीम तूफान की रफ्तार से घटनास्थल पर पहुंची। इस दौरान विजेतो ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाकर साथियों में ऊर्जा का संचार किया।

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इस दौरान आतंकियों में से एक जो कि अपने शरीर पर एक्सप्लोसिव बांधे हुए ह्यूमन बम लेकर मुख्य परसिर को उड़ा देने के इरादे से आगे बढ़ा तो विजोतो ने उसे ढेर कर दिया। वहीं धरमबीर सिंह की गोलियों ने दूसरे आतंकी को भी छलनी कर दिया। उधर मोर्चा 2(ए) पर तैनात जवानों की फायरिंग ने तीसरे आतंकी को ढेर कर दिया था। ऐसे ही चौथे और पांचवें आतंकी को भी ढेर कर दिया था।

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