Lok Sabha Elections 2019: दूसरे चरण में होगा कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला
लोकसभा चुनाव-2019 के दूसरे चरण में 18 अप्रैल को 12 राज्यों की 95 सीटों पर चुनाव होंगे। सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सुबह 7 बजे से मतदान शुरू हों जाएंगे। लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 सीटों के लिए मतदान होने थे। लेकिन दो सीट पर चुनाव कैंसिल होने से अब 95 सीटों पर ही मतदान होंगे। तमिलनाडु की वेल्लोर और त्रिपुरा ईस्ट लोकसभा सीट पर वोटिंग कैंसिल कर दी गई है।
Lok Sabha Elections 2019: दूसरे चरण के मतदान के लिए नक्सल इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण लिए 18 अप्रैल को मतदान होना है। इसके मद्देनजर नक्सल प्रभावित इलाकों में पुलिस ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया है। एरिया डोमिनेशन से लेकर डी माइनिंग में सुरक्षाबल के जवान जुटे हैं। नक्सलियों की मूवमेंट की सूचना के बाद पुलिस ने पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था तगड़ी कर दी है।
Lok Sabha Election 2019: दूसरे चरण के मतदान की तैयारियां पूरी, थम गया चुनाव प्रचार
सात चरणों में होनेवाले लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान 18 अप्रैल को होने हैं। जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। दूसरे चरण के लिए 16 अप्रैल को चुनाव प्रचार का अंतिम दिन था।
सिर्फ एक मतदाता के लिए 2 दिन का दुर्गम सफर तय करती है 5 लोगों की टीम
अरुणाचल प्रदेश के जिला अनजॉ का गांव मालोगम, जो चीन के सरहद से सटा हुआ है। वहा तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। ख़तरनाक पहाड़ी और जंगल के रास्तों से होकर गुजना पड़ता है। वहां आप सिर्फ़ पैदल ही जा सकते हैं। इस गांव में सिर्फ़ एक मतदाता है। फिर भी चुनाव आयोग अपनी पूरी ज़िम्मेदारी निभाते हुये उस एक मतदाता का मतदान सुनिश्चित कराती है। मतदान की पूरी प्रक्रिया में दो दिन का वक्त लगता है। जिसमें चुनाव आयोग की तरफ से पांच कर्मचारी इस ड्यूटी में लगते हैं।
Lok Sabha Election : हिंसा की फिराक में जुटे नक्सली गिरफ्तार
छत्तीसगढ़ के धमतरी पुलिस ने कुछ नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि ये नक्सली लोकसभा चुनाव के दौरान जिले में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में थे। पकड़े गए नक्सलियों में पांच लाख रूपए का इनामी नक्सली अजीत मोडियाम और उसका साथी रामसू कुंजाम शामिल है।
Lok Sabha Election 2019: जम्मू कश्मीर में दोहरी जिम्मेदारी निभा रहे सुरक्षाबल
जम्मू-कश्मीर जैसे अतिसंवेदनशील इलाकों में सेना और सुरक्षाबल कई तरह से अपना जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं। एक तरफ वे आमजन की सुरक्षा के लिए आतंकियों से दो-दो हाथ कर रहे, पत्थरबाजों का सामना कर रहे, तो दूसरी तरफ लोगों में जागरूकता लाने का भी काम कर रहे।