Naftali Bennett
पूर्वी यरुशलम में इजरायल (Israel) के राष्ट्रवादियों का यह मार्च 10 मई को निकलना था, लेकिन अल-अक्सा मस्जिद में तनाव भड़के की वजह से अंतिम समय में इसे टालना पड़ा था।
इजराइल (Israel) में सत्ता परिवर्तन के नेफ्टाली बेनेट (Naftali Bennett) की अगुवाई वाली इजरायल की नई सरकार ने आते ही फिलिस्तीन (Palestine) को झटका दिया है। सरकार ने यहाम 15 जून को यरुशलम में यहूदी राष्ट्रवादियों को विवादित मार्च निकालने की इजाजत दी है। इसके लिए पैदल मार्च निकाले जाने से पहले बड़े पैमाने पर अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है।
हमास ने इस मार्च को लेकर टकराव होने की धमकी दी है। हमास ने कहा है कि इस मार्च से दोनों पक्षों में फिर से तनाव बढ़ सकता है। बता दें कि ये मार्च 10 मई को निकाला जाना था, लेकिन सुरक्षा कारणों से इजाजत नहीं दी गई थी। नेफ्टाली बेनेट की नई सरकार ने मार्च निकालने की अनुमति देने का तब फैसला किया है जब शेख जर्राह से फिलिस्तियों को निकालने जाने की योजना को लेकर भारी तनाव बना हुआ है।
उधर, फिलिस्तीनी गुटों ने मार्च के खिलाफ मुखर होकर विरोध करने का आह्वान किया है। पिछले महीने अल-अक्सा मस्जिद परिसर में प्रदर्शनकारियों पर इजरायल की कार्रवाई में सैकड़ों फिलिस्तीनी घायल हो गए थे। फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद शतयेह ने मार्च के बारे में कहा, “यह हमारे लोगों को उकसाने की तरह है. यह हमारे यरुशलम और हमारे पवित्र स्थलों के खिलाफ एक आक्रामकता है।”
गौरतलब है कि पूर्वी यरुशलम में इजरायल (Israel) के राष्ट्रवादियों का यह मार्च 10 मई को निकलना था, लेकिन अल-अक्सा मस्जिद में तनाव भड़के की वजह से अंतिम समय में इसे टालना पड़ा।
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अल-अक्सा मस्जिद में नमाजियों पर कार्रवाई और शेख जर्राह से फिलिस्तीनियों की बेदखली के चलते हमास ने इजरायल पर रॉकेट हमले शुरू कर दिए। इसके बाद दोनों पक्षों में शुरू हुआ खूनी संघर्ष 11 दिनों तक चला। इसमें 250 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए जबकि इजरायल में 13 लोगों की मौत हो गई।
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