Budget 2021-22: इस साल रक्षा बजट को बढ़ाकर 4.78 लाख करोड़ रुपये किया गया, 15 सालों के इतिहास में उच्चतम

केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister) आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिसमें पेंशन के भुगतान का खर्च भी शामिल है।

Finance Minister Nirmala Sitharaman

Finance Minister Nirmala Sitharaman II फाइल फोटो

भारत-चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव को देखते हुए वित्तमंत्री (Finance Minister) ने इस बार रक्षा बजट में 1.5 फीसदी और पूंजीगत बजट में 19 फीसदी की बढ़ोतरी की है, जो कि पिछले 15 साल में दी गई राशि में सबसे अधिक है। इस बजट राशि में सेना को 36,481 करोड़ रुपये‚ नौसेना को 33,253 करोड और वायुसेना के लिए 53,214 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

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केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister) आम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए 4.78 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जिसमें पेंशन के भुगतान का खर्च भी शामिल है। पिछले साल यह राशि 4.71 लाख करोड़ रुपये थी। इसमें से पेंशन के भुगतान का खर्च यदि हटा लिया जाए तो रक्षा क्षेत्र का बजट 3.62 लाख करोड़ रुपये बचता है।

बजट आंकड़ो के मुताबिक‚ रक्षा क्षेत्र के लिए आवंटित पूरी राशि में 1.35 लाख करोड़ रुपये पूंजी खर्च के रूप में नए हथियारों‚ विमानों‚ युद्धपोतों और अन्य सैन्य साजो-सामान खरीदने के लिए अलग से रखे गए हैं। पिछले साल के बजट में पूंजी खर्च 1.13 लाख करोड़ रुपये था। कुल राजस्व व्यय में 3.37 लाख करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसमें वेतन का भुगतान और प्रतिष्ठानों का रखरखाव भी शामिल है। वहीं पेशन के भुगतान के लिए राजस्व खर्च में 1.15 लाख करोड़ रुपये शामिल हैं।

वित्तमंत्री (Finance Minister) ने बताया कि रक्षा बजट का 1,15,850 रुपये का हिस्सा पेंशन के लिए होगा। कुल बजट में 7,000 करोड़ रुपये की मामूली बढ़ोतरी की गई है। यदि पेंशन के लिए आवंटित राशि को हटा दिया जाए तो रक्षा क्षेत्र के लिए बजट केवल 3,63,000 हजार करोड़ रुपये के आसपास बचता है।

वर्ष 2020-21 के संशोधित अनुमानों की तुलना में पूंजीगत खर्च में भी केवल 0.4 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। सबसे दिलचस्प बात ये है कि, इस बार पेंशन पर होने वाले खर्च में करीब 18 हजार करोड़ रुपये की कमी का लाभ उठाते हुए इस राशि से पूंजीगत खर्च की राशि में इजाफा किया गया है।

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