गिरिडीह: नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ लगातार अभियान जारी है। नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के गुरिल्ला आर्मी सप्ताह दिवस को लेकर झारखंड-बिहार के गिरिडीह और जमुई पुलिस के साथ सुरक्षाबल भी अलर्ट मोड पर हैं।
पुलिस सूत्रों की मानें तो दोनों जिलों के चकाई और भेलवाघाटी थाना क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में माओवादियों का मूवमेंट चार दिनों के भीतर तेज हुआ है।
गिरिडीह एएसपी गुलशन तिर्की ने भी रविवार को इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि माओवादियों के गुरिल्ला आर्मी सप्ताह दिवस को लेकर लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है।
जिन-जिन इलाकों में माओवादियों के होने की सूचना मिलती है, उन इलाकों में सर्च ऑपरेशन चल रहा है। सुरक्षाबलों का भी प्रयास है कि माओवादी दोनों जिलों के सीमावर्ती इलाकों में किसी विध्वंसकारी घटना को अंजाम ना दे पाएं।
इधर पुलिस सूत्र यह भी बतातें है कि बिहार-झारखंड के जेबी जोन का सचिव पिंटू राणा के साथ चकाई और भेलवाघाटी के जोनल कमांडर मतलू तूरी दस्ते के साथ दोनों थाना क्षेत्रों में सुरक्षित गांव की तलाश कर रहा है। ये गांव इसलिए तलाशे जा रहे हैं, जिससे ग्रामीणों और किसानों के साथ बैठकर गुरिल्ला आर्मी सप्ताह मनाया जा सके।
ये अलग बात है कि लगातार चल रहे सर्च ऑपरेशन के कारण पिंटू राणा और मतलू तूरी को अपने दस्ते के साथ इन थाना क्षेत्र के गांवो में बैठक करने का मौका नहीं मिल रहा है।
बतातें चले कि चकाई और भेलवाघाटी का जोनल कमांडर मतलू तूरी बिहार के चकाई थाना इलाके के गांव का रहने वाला है। लिहाजा, जेबी जोन के सचिव पिंटू राणा ने सुरक्षित स्थान तलाशने की जिम्मेदारी मतलू तूरी को दे रखी है।
पुलिस सूत्र यह भी बता रहे हैं कि पिंटू राणा और मतलू तूरी के नेतृत्व में माओवादियों का दस्ता इधर हाल के दिनों में भेलवाघाटी, चकाई के साथ तिसरी के गांवो का भ्रमण कर चुका है। इन तीनों थाना क्षेत्र के गांवो में खुफिया एजेंसियों ने भी जानकारी जुटाई है।
सुरक्षाबलों को इनपुट मिला है कि माओवादी कई गांवो का दौरा कर चुके हैं, जबकि कुछ दिनों पहले ही दोनों राज्यों के बीच पुलिस और सीआरपीएफ की बैठक भी हुई थी। इस बैठक में माओवादियों को उनके घर के भीतर घेरने की रणनीति बनाई गई थी।
पुलिस सूत्र यह भी बताते हैं कि भेलवाघाटी और चकाई थाना क्षेत्र के बीच पड़ने वाले गांव सुगरजारा, बाघाकौल, मडवा, बडखुटिया में ये दस्ता पहले ही भ्रमण कर चुका है।
वहीं चार दिन पहले चकाई थाना से महज कुछ दूर स्थित मंझलाडीह गांव में नक्सली (Naxalites) दस्ते की बैठक हो चुकी थी। बैठक की सूचना पर ही सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। हालांकि इससे पहले माओवादी फरार हो चुके थे। इस दौरान सुरक्षाबलों को बैरंग लौटना पड़ा था।
Hindi News के लिए हमारे साथ फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, यूट्यूब पर जुड़ें और डाउनलोड करें Hindi News App