नक्सलवाद की शुरुआत कैसे हुई? किन राज्यों में फैली है ये विचारधारा, यहां जानें सब कुछ

इस समय 90 जिलों में नक्सलवाद (Naxalism) हावी है। आंकड़े बताते हैं कि बीते 3 सालों में 2168 नक्सली हमले हुए हैं, जिसमें 625 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

Chhattisgarh: 13 Naxalites arrested from three separate incidents in Bijapur

फाइल फोटो

साल 2015 तक के आंकड़ों की अगर बात की जाए तो नक्सली (Naxalism) वारदातों के कारण 10 हजार लोग मारे गए और करीब एक करोड़ से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं।

नई दिल्ली: नक्सलवाद (Naxalism) देश की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है। यह मुख्य रूप से भारत के 8 राज्यों (उड़ीसा, झारखंड, आंध्रप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल) में फैला हुआ है।

सरकारी डाटा के मुताबिक, इस समय 90 जिलों में नक्सलवाद हावी है। आंकड़े बताते हैं कि बीते 3 सालों में 2168 नक्सली हमले हुए हैं, जिसमें 625 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।

साल 2015 तक के आंकड़ों की अगर बात की जाए तो नक्सली वारदातों के कारण 10 हजार लोग मारे गए और करीब एक करोड़ से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं।

नक्सलवाद की शुरुआत कैसे हुई?

भारत में नक्सलवाद शब्द पश्चिम बंगाल के नक्सलवाड़ी गांव से आया। साल 1967 में भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार, कानू सान्याल और कन्हाई चटर्जी ने सत्ता के विरुद्ध आंदोलन की शुरुआत की। दरअसल मजूमदार माओत्से तुंग के बहुत बड़े प्रशंसक थे, इसलिए नक्सलवाद को माओवाद भी कहा जाता है।

कहते हैं कि उस समय गांव के जमींदारों द्वारा छोटे किसानों का उत्पीड़न किया जाता था, जिसके विद्रोह ने एक आंदोलन का रूप लिया।

नक्सलवाद क्या है?

यह सत्ता के खिलाफ विरोधी भावना है, जिसमें नक्सली, आदिवासियों की पैरवी करने का दावा करते हैं। यह भावना एक विशेष वर्ग की अनदेखी से उपजी है। नक्सलियों के मुताबिक, वह उन गरीब आदिवासियों के लिए लड़ रहे हैं जिन्हें मुख्यधारा से संरक्षण प्राप्त नहीं हैं। जिन्हें सरकार या सत्ता से मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती हैं।

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दरअसल ये वैचारिक समझ का फेर है। एक तरफ नक्सली खुद को आदिवासियों का हितैषी बताते हैं, वहीं सरकार को इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ता है।

सरकार का कहना है कि नक्सल समूह, आदिवासी इलाके के लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काते हैं और विकास में बाधा पहुंचाते हैं।

कब हुए नक्सली हमले?

3 अप्रैल 2021 को छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों द्वारा एक बड़ा हमला किया गया था। इस हमले में 22 जवान शहीद हो गए थे और 32 जवान घायल हो गए थे। इससे पहले भी देश में नक्सली हमले करते रहे हैं। ये हैं देश में नक्सली हिंसा से जुड़ी बड़ी घटनाएं-

– साल 2007 में छत्तीसगढ़ के बस्तर में 300 से ज्यादा नक्सलियों ने 55 पुलिसकर्मियों की जान ले ली थी।
– साल 2008 में ओडिशा के नयागढ़ में नक्सलियों ने 14 पुलिसकर्मियों और एक नागरिक की हत्या कर दी थी।
– साल 2009 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में हुए एक बड़े नक्सली हमले में 15 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।
– साल 2010 में नक्सलियों ने कोलकाता-मुंबई ट्रेन में 150 यात्रियों को मार दिया था।
– साल 2010 में पश्चिम बंगाल के सिल्दा कैंप में नक्सलियों ने हमला किया था, जिसमें अर्द्धसैनिक बल के 24 जवान शहीद हो गए थे।
– साल 2011 में छत्तीसगढ के दंतेवाड़ा में हुए एक बड़े नक्सलवादी हमले में कुल 76 जवान शहीद हो गए थे।
– साल 2012 में झारखंड के गढ़वा जिले के पास बरिगंवा जंगल में 13 पुलिसकर्मियों को मार दिया गया था।
– साल 2013 में छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने कांग्रेस के नेता समेत 27 व्यक्तियों की हत्या कर दी थी।
– 2021 में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में सुरक्षाबलों के 22 जवान शहीद हो गए थे और 32 जवान घायल हुए थे।

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