सुकमा: ‘पुना नर्कोम’ अभियान के तहत मिली बड़ी कामयाबी, 11 नक्सलियों ने किया सरेंडर

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा (Sukma) जिले में 23 सितंबर को नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ प्रशासन को बड़ी कामयाबी मिली।

Naxalites Surrender

सुकमा (Sukma) जिले के मरईगुड़ा, गोलापल्ली और किस्टाराम थाना क्षेत्र में दो सक्रिय महिला नक्सली (Woman Naxalites) सहित 11 नक्सलियों ने सरेंडर (Naxalites Surrender) कर दिया।

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा (Sukma) जिले में 23 सितंबर को नक्सलियों (Naxalites) के खिलाफ प्रशासन को बड़ी कामयाबी मिली। जिले के मरईगुड़ा, गोलापल्ली और किस्टाराम थाना क्षेत्र में दो सक्रिय महिला नक्सली (Woman Naxalites) सहित 11 नक्सलियों ने सरेंडर (Naxalites Surrender) कर दिया।

प्रशासन की ओर से चलाए जा रहे ‘पुना नर्कोम’ अभियान के तहत यह सफलता मिली है। इस अभियान के साथ-साथ सरकार की पुर्नवास नीति से ये नक्सली प्रभावित थे। साथ ही वे नक्सलियों की अमानवीय और खोखली विचारधारा से तंग आ गए थे। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली इलाके में हुई कई नक्सली घटनाओं में शामिल रह चुके हैं।

इन नक्सलियों ने किया सरेंडर

सरेंडर करने वाले नक्सलियों (Naxalites Surrender) में इंटेलीजेंस शाखा सदस्य मिड़ियम हिंगा, नक्सली सदस्य मड़कम हड़मा, मुचाकी सुकड़ा, मिड़ियम गंगा, माड़वी मुदराज, सोड़ी मगंडू, डाक्टर कमेटी सदस्य मडियम नन्दा, सीएनएम सदस्य हड़मा, केएएमएस सदस्य मड़कम बुद्री, मिलिशिया सदस्य सोड़ी मुका और मिडियम देवे शामिल हैं। ये सभी सुकमा के पोलमपल्ली के रहने वाले हैं। इन सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को राज्य शासन के पुनर्वास नीति के तहत सहायता राशि और अन्य सुविधाएं दी जाएंगी।

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सुकमा के एसपी सुनील शर्मा ने कहा कि नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ शासन की पुनर्वास नीति के प्रचार-प्रसार एवं सुकमा पुलिस द्वारा चलाये जा रहे ‘पुना नर्कोम अभियान’ से प्रभावित होकर 11 नक्सलियों ने सीआरपीएफ और पुलिस अधिकारियों के सामने बिना हथियार आत्मसमर्पण किया है।

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उन्होंने कहा कि पुना नर्कोम अभियान तहत बड़ी संख्या में ग्रामीण जुड़ रहे हैं, जिसका परिणाम है कि आज लगातार नक्सली संगठन से जुड़े लोग पुलिस से सम्पर्क कर समाज की मुख्यधारा में जुड़ रहे हैं। जिससे आने वाले समय में क्षेत्र को नक्सल मुक्त बनने में सफलता मिलेगी। इसके साथ क्षेत्र में विकास कार्यों सड़क, बिजली, स्वस्थ्य सुविधा, पेयजल, स्कूल, आंगनबाड़ी सहित अन्य मूलभूत आवश्यकताओं को पहुंचना हमारी पहली प्रथमिकता है। जिससे नक्सल क्षेत्र के लोगों में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास जगे और वे क्षेत्र के विकास कार्यों में अपना योगदान दे सकें।

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