
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में 4 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा (Sukma) जिले में 4 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 3 नक्सलियों पर सरकार की ओर से कुल सात लाख रूपए का इनाम घोषित है। 9 अक्टूबर को पुलिस विभाग के आला अधिकारियों के सामने आकर इन सभी नक्सलियों ने नक्सलवाद के रास्ते को छोड़कर एक आम जिंदगी बिताने की इच्छा जाहिर की।

Sukma पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 5 लाख की इनामी माड़वी गंगी, 1 लाख की इनामी मड़कम हुंगी, 1 लाख का इनामी कुड़ामी गंगा और नक्सलियों का सहयोगी सोड़ी जोगा शामिल हैं। आत्मसमर्पण करने वाली माड़वी गंगी को बचपन में ही नक्सली उठाकर ले गए थे। जिसके बाद उसे नक्सलियों ने संगठन का सदस्य बनाया और ट्रेनिंग दी। माड़वी ने साल 2012 में गंधारपारा- सिंघमपारा के बीच पुलिस पर हमला किया था। मार्च, 2018 में माधोपारा इलाके के हमले में भी वह शामिल थी।
Sukma उप पुलिस अधिक्षक श्याम मधुकर के अनुसार, माड़वी शादी करना चाहती थी। लेकिन नक्सली इसके खिलाफ थे। नक्सली न सिर्फ महिलाओं का शोषण करते हैं, बल्कि संगठन में महिलाओं को शादी करने और मां बनने की इजाजत भी नहीं होती। इन्हीं बातों से तंग आकर और एक आम जिंदगी जीने के लिए उसने नक्सलवाद को छोड़ दिया। वहीं, मड़कम हुंगी 2014 में नक्सलवाद से जुड़ी। उसके कई साथी नक्सली नेता आत्मसमर्पण कर चुके हैं। कुड़ामी गंगा 2008 में नक्सली बना था। 2015 में उसने दुधीरास के पास पुलिस पार्टी पर हमला किया था।
नक्सलियों का सहयोगी सोड़ी जोगा नक्सलियों के लिए रोजमर्रा की चीजों के बंदोबस्त का काम किया करता था। Sukma के पुलिस अधिकारी मधुकर के मुताबिक, इन्हें किसी तरह का वेतन या अन्य कोई भी फायदा नक्सली नहीं देते हैं। न ही इन्हें अपने रिश्तेदारों से मिलने की इजाजत होती है और न ही आम लोगों से कोई वास्ता रखने की। दूसरी तरफ सरकार इन्हें नई जिंदगी देने के मकसद से योजनाएं चला रही है, जिससे नक्सली प्रभावित हो रहे हैं। यही वजह है कि नक्सलियों लगातार आत्मसमर्पण हो रहा है।
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