
छत्तीसगढ़ के सुकमा (Sukma) जिले में 11 नवंबर को इनामी नक्सली सहित 9 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया।
छत्तीसगढ़ के सुकमा (Sukma) जिले में 11 नवंबर को एक इनामी नक्सली सहित 9 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। ये लोग नक्सलियों के तौर तरीकों और उनकी खेखली विचारधारा से तंग आ चुके थे।

छत्तीसगढ़ के सुकमा (Sukma) जिले में 11 नवंबर को इनामी नक्सली सहित 9 नक्सलियों ने सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पित नक्सलियों में गड्डो कृष्णा उर्फ बदरू, कुंजाम हिड़मा, कुंजामी बुधरा, मड़कम सन्नी, मड़कम बोटी, पोडियम हुंगा, पोडियम लच्छू, कवासी हिड़मा और मड़कम मुके शामिल हैं। गड्डो कृष्णा उर्फ बदरू पर सरकार की ओर से 10 लाख का इनाम घोषित था। बदरू ने बताया कि नक्सलियों के तौर तरीकों और उनकी खेखली विचारधारा से वह परेशान हो चुका था।
बदरू के अनुसार, नक्सलियों द्वारा ग्रामीण आदिवासियों को मारना पीटना और उनकी हत्या करने से वह आहत था। इसलिए उसने नक्सली संगठन छोड़ने का फैसला लिया। इस दौरान बदरू के साथ 8 अन्य नक्सलियों ने भी सरेंडर किया। बदरू ने अपने अन्य साथियों से भी सरेंडर करने की अपील की है। राजनांदगांव जिले के मदनवाड़ा में साल 2009 में हुए नक्सली हमले में बदरू शामिल था। उसने यह बात स्वीकार किया कि पुलिस अफसर और अन्य जवानों पर उसने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी।
इस हमले में तत्कालीन एसपी वीके चौबे समेत 29 पुलिस जवान शहीद हुए थे। सभी के हथियार लूटकर नक्सली जगलों में भाग गए थे। इन नक्सलियों ने दर्जनों बार पुलिस पर फायरिंग, थानों पर हमले, आईईडी और माइंस ब्लास्ट की घटनाओं को अंजाम दिया। इस सभी ने सुकमा (Sukma) पुलिस के सामने सरेंडर कर मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा जाहिर की। शासन की पुनर्वास योजना से प्रभावित होकर इन सब ने सरेंडर करने का फैसला किया है।
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