पश्चिम बंगाल: आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों का आईटीआई में दाखिला हुआ आसान

पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने आइटीआइ में दाखिला नियम को सरल करने के साथ ही आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को विशेष सुविधा देने का फैसला लिया है।

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राज्य सचिवालय नवान्न ने विशेष कर लालगढ़ के माओवादी बहुल क्षेत्र में आत्मसमर्पण करने वाले लोगों के लिए आइटीआइ प्रवेश प्रक्रिया को सरल बना दिया है।

नक्सलवाद को छोड़ कर मुख्यधारा से माओवादियों को जोड़ने की पहल कर रही पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने आईटीआई में दाखिला नियम को सरल करने के साथ ही आत्मसमर्पण करने वाले माओवादियों को विशेष सुविधा देने का फैसला लिया है। जानकारी के मुताबिक, पहले आईटीआई में दाखिले को न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 8वीं पास निर्धारित थी। लेकिन राज्य सचिवालय नवान्न ने विशेष कर लालगढ़ के माओवादी बहुल क्षेत्र में आत्मसमर्पण करने वाले लोगों के लिए आईटीआई प्रवेश प्रक्रिया को और भी आसान बना दिया है। अब यह तय किया गया है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली 8वीं पास नहीं होने पर भी आईटीआई में दाखिला ले पाएंगे।

यह फैसला 7 अगस्त को राज्य सचिवालय नवान्न में हुए राज्य तकनीकी शिक्षा विभाग की बैठक में लिया गया। दरअसल, पिछले साल राज्य सरकार की ओर से मुख्यधारा में लौटने वाले माओवादियों के लिए विशेष तौर पर एक साल के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान यानी आईटीआई पाठ्यक्रम की शुरुआत की गई थी। इस योजना को साकार रूप देने के मकसद से केंद्र सरकार ने भी कई अलग-अलग योजनाएं बनाईं, ताकि माओवादी हिंसा का रास्ता छोड़ कर आम लोगों की तरह मुख्यधारा में आ सकें।

इतना ही नहीं माओवादियों को विशेष वित्तीय सहायता देने का भी प्रावधान है। लेकिन इसके लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता निर्धारित होने से ज्यादातर माओवादी इससे वंचित रह जा रहे थे। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने आईटीआई करने के साथ ही उनकी सुविधा के लिए और भी कई तकनीकी व्यवस्थाएं मुहैया कराने का भी निर्णय लिया है। सरकार के इस तरह के कदम से उम्मीद है कि हिंसा के रास्ते पर चल रहे लोग मुख्यधारा ने जुड़ेंगे और नक्सलवाद के रास्ते को छोड़ कर आम जिंदगी जीना शुरू करें।

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