Jharkhand: कोरोना काल में बैंकिंग सेवाओं को घर-घर पहुंचा रहीं बैंक वाली दीदी

झारखंड (Jharkhand) में कोरोना काल में बैंकिंग सेवाएं ग्रामीणों के दरवाजे तक पहुंचाने में बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी (Banking Correspondent Sakhi) काफी सहायक सिद्ध हो रही हैं।

Banking Correspondent Sakhi

बीसी सखी (Banking Correspondent Sakhi) पहल की प्रभावी सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अब एक पंचायत, एक बीसी सखी के रूप में इसे आगे ले जाने का निर्णय लिया है।

झारखंड (Jharkhand) में कोरोना काल में बैंकिंग सेवाएं ग्रामीणों के दरवाजे तक पहुंचाने में बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी (Banking Correspondent Sakhi) काफी सहायक सिद्ध हो रही हैं। यह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के आग्रह पर संभव हो सका है। गांव में बैंक वाली दीदी के नाम से प्रचलित ये दीदियां कोरोना महामारी के दौर में ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने में अपना योगदान दे रही हैं।

इनके माध्यम से घर बैठे जरूरतमंदों को विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन एवं मनरेगा मजदूरी मिल रही है। इस पहल से एक ओर दीदियों को जहां रोजगार मिल रहा है, वहीं सुदूर गांवों तक बैंकिंग सुविधाएं भी पहुंच रही हैं।

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बीसी सखी दीदियां अपने लैपटॉप एवं ईपॉस मशीन के जरिए खाता खोलना, नकद निकासी, जमा, विधवा पेंशन, वृद्धा पेंशन, छात्रवृति, मनरेगा मजदूरी, बीमा समेत तमाम बैंकिंग सेवाएं ग्रामीणों को उनके घर बैठे उपलब्ध करा रही हैं। अप्रैल 2021 से लेकर अबतक राज्य में इन बीसी सखियों के द्वारा 91 करोड़ से भी ज्यादा राशि का ट्रांजेक्शन किया जा चुका है।

इन बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखियों ने लॉकडाउन में भी ग्रामीणों तक निरंतर बैंकिंग सेवाएं पहुंचाई हैं। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान अप्रैल से जुलाई के बीच 1679 बीसी सखियों ने करीब 327 करोड़ रुपये से भी ज्यादा का ट्रांजेक्शन कर ग्रामीण इलाकों में जरूरी बैंकिगं सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की थी।

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ग्रामीण विकास विभाग के तहत झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी के माध्यम से राज्यभर में 3,383 बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी काम कर रही हैं। सखी मंडल की दीदियों को एनआरएलएम एवं एनआरईटीपी के तहत विभिन्न बैंकों से जोड़कर बैंकिंग कॉरेस्पोन्डेंट सखी के रूप में प्रशिक्षित कर पदस्थापित किया जा रहा है।

बीसी सखी पहल की प्रभावी सफलता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अब एक पंचायत, एक बीसी सखी के रूप में इसे आगे ले जाने का निर्णय लिया है। इसके जरिए राज्य की हर पंचायत में सखी मंडल की एक दीदी को बीसी सखी के रूप में उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इससे ग्रामीणों को अपनी पंचायत में ही बैंकिंग सुविधाओं का लाभ प्राप्त हो सकेगा। इस पहल के जरिए बीसी सखी (Banking Correspondent Sakhi) पंचायत के सभी गांवों में बैंकिगं सेवाएं देंगी।

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झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है, “बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट सखी का कार्य संक्रमण काल में सराहनीय है। जरूरतमंदों तक योजनाओं के तहत आर्थिक मदद पहुंच रही है। हमें मिलकर संक्रमण का मुकाबला करना है। जनभागीदारी से हम संक्रमण पर जीत हासिल करेंगे।”

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