छत्तीसगढ़: फूल नदी पर 15 सालों से अधूरा पड़ा पुल निर्माण का काम पूरा हुआ, 15 हजार लोगों को मिलेगा फायदा

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के दंतेवाड़ा के मिचावर के पास फूल नदी पर 15 सालों से अधूरा पड़ा पुल निर्माण का काम पूरा हो चुका है।

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Chhattisgarh: नक्सली उन जगहों को अपना ठिकाना बनाते हैं जहां पुलिस फोर्स उनतक आसानी से पहुंच ना पाएं। इस इलाके में बरसात के मौसम में काफी मुश्किल होती है, इसलिए नक्सली नहीं चाहते थे कि यहां कोई सड़क या पुल का निर्माण हो।

दंतेवाड़ा: छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा के मिचावर के पास फूल नदी पर 15 सालों से अधूरा पड़ा पुल निर्माण का काम पूरा हो चुका है। इसके अलावा कुन्ना से आगे तरई टिकरा नाले पर बन रहा पुल भी बनकर तैयार है। इस पुल से वहां रह रहे दर्जनों गांव के करीब 15 हजार लोगों को इसका सीधा फायदा मिलेगा। इससे दूधीरास, मिचावर, कुन्ना, पेदारास, कुंदनपाल से जगदलपुर-कोंटा के हाइवे तक का सफर गांव वालों के लिए आसान हो गया है।

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पुल के निर्माण के कारण ग्रामीण आधी दूरी तय कर जगदलपुर की मुख्य सड़क तक पहुंच सकते हैं। अब गांव से एनएच 30 की दूरी महज 18 किलोमीटर हो गई है, वहीं पहले इन्हें सुकमा, छिंदवाड़ा, कूकानार और जगदलपुर जाने के लिए गादीरास के रास्ते से 85 किलोमीटर तक का घुमावदार रास्ते को तय करना पड़ता था।

नक्सलियों ने रोक रखी थी ये परियोजना

साल 2005 में नक्सली नेता सलवा जूडूम का दौर था और उन्होंने पुल निर्माण पर रोक लगा दी थी। करीब 15 साल तक यह परियोजना ठप पड़ी रही। बाद में जब समय के साथ नक्सलियों का प्रभाव इस इलाके से कम हुआ तब जाकर इसे पूरा किया गया। इस सुविधा के लिए ग्रामीणों को पंद्रह साल के लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ा।

बारिश के मौसम में नक्सलियों का ठिकाना

दरअसल नक्सली उन जगहों को अपना ठिकाना बनाते हैं जहां पुलिस फोर्स उनतक आसानी से पहुंच ना पाएं। इस इलाके में बरसात के मौसम में काफी मुश्किल होती है, इसलिए नक्सली नहीं चाहते थे कि यहां कोई सड़क या पुल का निर्माण हो। इस निर्माण से नक्सलियों का ठिकाना छिन गया।

नक्सली का आतंक

साल 2005 की घटना है, जब नक्सलियों ने इस इलाके में खूब आतंक मचाया था और निर्माण कार्य के लिए आए कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। इससे सड़क निर्माण का काम बीच में ही रुक गया। नक्सली का उत्पात तब खत्म हुआ जब साल 2016 में हमारे जवानों ने इन इलाकों में सर्च ऑपरेशन चलाया और 7 नक्सलियों को मार गिराया। जिसके बाद इस क्षेत्र में नक्सलियों का वर्चस्व कम होने लगा और इसका नतीजा ये है कि इस इलाके में सड़क और पुल निर्माण का काम पूरा हो पाया है।

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